Thursday, March 28, 2024
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9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे शरद पवार, किसान आंदोलन पर रखेंगे अपनी बात

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार नौ दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 06, 2020 19:26 IST
9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे शरद पवार, किसान आंदोलन पर रखेंगे अपनी बात- India TV Hindi
Image Source : PTI 9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे शरद पवार, किसान आंदोलन पर रखेंगे अपनी बात

मुंबई: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार नौ दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। पार्टी ने रविवार को यह जानकारी दी। राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति को देश के हालात से अवगत कराएंगे। गौरतलब है कि सितंबर में संसद के मानसून सत्र के दौरान कृषि विधेयकों को राज्यसभा में पेश किए जाने के दौरान राकांपा के सदस्य सदन छोड़कर चले गए थे।

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। यह किसान कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम- 2020, कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम- 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम- 2020 का विरोध कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए।

किसानों का दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। उनकी दलील है कि कालांतर में बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी मर्जी चलायेंगे और किसानों को उनकी उपज का कम दाम मिलेगा। किसानों को डर है कि नए कानूनों के कारण मंडी प्रणाली के एक प्रकार से खत्म हो जाने के बाद उन्हें अपनी फसलों का समुचित दाम नहीं मिलेगा।

ऐसे में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज रविवार (6 दिसंबर) को 11वां दिन है। शनिवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई 5वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। करीब 5 घंटे चली बैठक में सरकार और किसान अपने-अपने पक्ष पर अड़े रहे लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। फिर तय हुआ कि अब किसानों और सरकार के बीच 9 दिसंबर को बातचीत होगी। अब सबकी निगाहें अब 9 दिसंबर को सरकार के साथ होने वाली किसानों की बातचीत पर भी टिकी हैं।

हालांकि, इससे पहले 8 दिसंबर को किसानों का प्रस्तावित भारत बंद है, जिसकी रणनीति को लेकर किसान नेताओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी जगमोहन सिंह ने कहा कि किसानों में मंथन यही हुआ कि हम अपनी मांग से कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मन की बात हम सुन रहे हैं, अब उनको हमारे मन की बात सुनें।

वहीं, किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि अब ये आंदोलन सिर्फ पंजाब का न होकर पूरे देश में बढ़ चुका है, भारत बंद के आह्वान को लेकर सरकार तिलमिलाई हुई है। किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा। चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा।

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