Sunday, April 28, 2024
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केरल में CAA के खिलाफ ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन, सीएम पिनराई विजयन ने कहा- राज्य में लागू नहीं होगा कानून

बीते कल यानी सोमवार की शाम को CAA नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रात से ही केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। केरल में अलग अलग जरह प्रोटेस्ट किया गया। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि केरल में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा।

Reported By : T Raghavan Edited By : Akash Mishra Updated on: March 12, 2024 9:33 IST
केरल में CAA के विरोध में प्रोटेस्ट  - India TV Hindi
Image Source : PTI केरल में CAA के विरोध में प्रोटेस्ट

भारत सरकार की तरफ से बीते सोमवार की शाम नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। CAA लागू होने जाने के बाद केरला में सोमवार रात से ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। कांग्रेस के यूथ विंग NSUI ने कोच्चि और त्रिशूर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर CAA के खिलाफ प्रदर्शन किया। हलांकि, पुलिस ने इन सभी प्रदर्शनकारियों को ट्रेक से हटाया। वहीं, सत्तारूढ़ CPM के यूथ विंग DYFI ने कोझिकोड में विरोध मार्च किया और फ्रेटानिटी पार्टी के समर्थकों ने भी कोझिकोड में अचानक प्रोटेस्ट कर दिया। इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।  

'सांप्रदायिक विभाजन अधिनियम का एक साथ विरोध करेंगे'

इसके अलावा कासरगोड में IUML के यूथ विंग यूथ लीग के कार्यकर्ताओं ने CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच केरला के CM पिनराई विजयन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा। केरल के सीएम ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सांप्रदायिक विभाजन अधिनियम (communal division act) का एक साथ विरोध करेगा। 

नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में कहां लागू नहीं होगा CAA

वहीं, पीटीआई रिपोर्ट के अनुसार CAA को नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, सीएए कानून को उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा जहां देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा करने के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) की जरूरत होती है।  

इन राज्यों में लागू है आईएलपी

जानकारी के लिए बता दें कि आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है। अधिकारियों ने नियमों के हवाले से बताया कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। असम, मेघालय और त्रिपुरा में ऐसी स्वायत्त परिषदें हैं। 

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