Wednesday, May 01, 2024
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दिल्ली की हवा में तेजी से घुल रहा 'जहर', लागू करना पड़ गया GRAP का दूसरा फेज

दिल्ली-NCR में हवा की क्वॉलिटी की स्थिति में लगातार गिरावट आ रही है और यही वजह है कि केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता आयोग ने यहां GRAP के दूसरे फेज को लागू करने का निर्देश दिया है।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: October 21, 2023 20:12 IST
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Image Source : PTI FILE दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आती जा रही है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता आयोग ने प्रदूषण में वृद्धि की आशंका के बीच शनिवार को दिल्ली के प्राधिकारियों को शहर में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के दूसरे चरण को लागू करने का निर्देश दिया। GRAP के तहत प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी और CNG/इलेक्ट्रिक बसों एवं मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए जाते हैं। बता दें कि पिछले कुछ सालों से दिल्ली-NCR के लोग सर्दी के दौरान वायु प्रदूषण का बेहद गंभीर खतरा झेल रहे हैं।

'बहुत खराब' श्रेणी में जाने वाली है दिल्ली की हवा

दिल्ली-NCR में हवा की क्वॉलिटी की स्थिति की समीक्षा करने के लिए हुई एक बैठक में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQAM) ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण 23 और 24 अक्टूबर को दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता के गिरकर 'बहुत खराब' श्रेणी में जाने की आशंका है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQAM) GRAP को सक्रिय रूप से लागू करने के लिए जिम्मेदार एक वैधानिक निकाय है। दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार को 248 रहा।

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Image Source : PTI FILE
दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI शनिवार को 248 रहा।

कैसे लागू किए जाते हैं GRAP के फेज
मौजूदा स्थिति को देखते हुए आयोग ने पूरे NCR में GRAP के पहले फेज के तहत पहले से उठाए जा चुके कदमों के अलावा दूसरे फेज के उपाय लागू करने का निर्णय लिया। आयोग ने एक आदेश में कहा,‘NCR में सभी संबंधित एजेंसियां GRAP के पहले फेज के उपायों के अलावा, दूसरे फेज के उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करें।’ दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP को 4 फेज में बांटा गया है। पहला फेज वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 201-300 यानी ‘खराब’ होने पर लागू किया जाता है। दूसरा चरण AQI 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण AQI 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा फेज AQI 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है।

GRAP के पहले फेज में क्या होता है?
पहले फेज में 500 स्क्वेयर मीटर के बराबर या उससे अधिक के उन प्लॉट पर निर्माण और तोड़फोड़ परियोजनाओं पर काम रोकने का आदेश दिया जाता है जो धूल रोकने के उपायों की निगरानी से संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं होते हैं। इसके अलावा पहले फेज में दिल्ली के 300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और थर्मल पावर प्लांट्स के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है और होटल, रेस्तरां व खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है। निर्माण और तोड़फोड़ वाले स्थलों से निकलने वाली धूल पर काबू पाने के लिए दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी पहले फेज के तहत आता है।

दूसरे, तीसरे और चौथे फेज में उठाए जाते हैं ये कदम
दूसरे फेज के तहत उठाए जाने वाले कदमों में व्यक्तिगत वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के मकसद से पार्किंग शुल्क बढ़ाना और CNG/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है। तीसरे फेज के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले BS-3 इंजन वाले और डीजल से चलने वाले BS-4 चार पहिया गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रावधान है। चौथे फेज में सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी व प्राइवेट दफ्तरों के लिए घर से काम करने के बारे में फैसला लेने के लिए भी अधिकृत है। (भाषा)

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