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7 अप्रैल की तारीख थी फिक्स, फिर 8 अप्रैल को मंगल पांडेय को क्यों दी गई फांसी?

इतिहास में 8 अप्रैल का दिन आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले लोगों के नाम दर्ज है। इस दिन ही मंगल पांडे को फांसी दी गई थी। वहीं, भारत में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचे इसलिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल को ही दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Apr 08, 2025 01:00 pm IST, Updated : Apr 08, 2025 01:00 pm IST
mangal pandey hanging- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बैरकपुर के परेड ग्राउंड में मंगल पांडेय को फांसी दी गई थी।

देश की आने वाली पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले सकें इसके लिए आजादी के जाने कितने परवानों ने हंसते-हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी। आठ अप्रैल का दिन इन्हीं को समर्पित है। 1857 में देश में पहली बार आजादी की लौ जलाने वाले मंगल पांडे को 8 अप्रैल के दिन फांसी पर लटका दिया गया था। लेकिन आपको बता दें कि इतिहास के पन्नों में 8 अप्रैल की तारीख मंगल पांडेय के अंतिम दिन के तौर पर दर्ज न होती, अगर 7 अप्रैल को जल्लादों को यह नहीं पता होता कि फांसी पर किसे लटकाया जाना था।

अंग्रेजों के सामने बनी दुविधा की स्थिति

दरअसल, मंगल पांडेय की फांसी के लिए 18 अप्रैल, 1857 का दिन तय किया गया था लेकिन बगावत और भड़कने के खतरे को देखकर अंग्रेज़ों ने उन्हें कुछ दिन पहले ही 7 अप्रैल को फांसी देना चाहा, लेकिन दे नहीं सके। मंगल पांडेय विचार मंच के प्रवक्ता बब्बन विद्यार्थी ने लिखा है कि 7 अप्रैल तड़के बैरकपुर छावनी में पांडेय को फांसी देने के लिए दो जल्लादों को बुलाया गया था, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि पांडेय को सूली पर चढ़ाना है तो उन्होंने फांसी देने से इनकार कर दिया।  

मंगल पांडेय की देशभक्ति से जल्लाद भी प्रभावित थे। इसके बाद जब अंग्रेजों के सामने दुविधा की स्थिति बनी तो कलकत्ते से जल्लाद बुलवाए गए, लेकिन उनके आने में समय लगने के कारण अगले दिन 8 अप्रैल की सुबह बैरकपुर के परेड ग्राउंड में पांडेय को फांसी दी जा सकी।

भगत सिंह ने दी थी ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती

इतिहास में आठ अप्रैल का दिन आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले लोगों के नाम दर्ज है। इस दिन के साथ एक और घटना भी जुड़ी है। भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे आजादी के परवानों ने आठ अप्रैल 1929 को दिल्ली के ‘सेंट्रल असेंबली हॉल’ में बम फेंका था। इस बम धमाके का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की तरफ दुनिया का ध्यान आकृष्ट करना था।

देश दुनिया के इतिहास में आठ अप्रैल की तारीख पर दर्ज महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1857: ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़काने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडे को फांसी दी गई।

1894: भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का कलकत्ता में निधन।
1929: क्रांतिकारी भगत सिंह और बटुकेश्‍वर दत्त ने दिल्ली असेंबली हॉल में बम फेंका और गिरफ्तारी दी।
1950: भारत और पाकिस्तान के बीच लियाकत-नेहरू समझौता। यह समझौता दोनों देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और भविष्य में दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावनाओं को खत्म करने के मकसद से किया गया था।
1973: स्पेन के चित्रकार पाब्लो पिकासो का निधन। इन्हें 20वीं शताब्दी का संभवत: सबसे प्रभावी चित्रकार माना जाता है।
2013: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेरेट थैचर का लंदन में निधन। वह ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि किसी भी यूरोपीय देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और 20वीं शताब्दी में ब्रिटेन की एकमात्र प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने तीन बार लगातार यह पद संभाला।
2023: असम के तेजपुर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
2024: मालदीव की निलंबित मंत्री मरियम शिउना ने भारतीय ध्वज का मखौल उड़ाया, आलोचना के बाद माफी मांगी। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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