हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला प्रशासन ने ब्रह्मपुखर में चार-लेन वाली एक परियोजना के बीच आ रहे पीपल के एक पीड़ को मंगलवार को हटाकर जब्बल में प्रतिरोपित कर दिया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं से जुड़े प्राचीन वृक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्राधिकरण के प्रयासों के अनुरूप है।
कैसे किया दूसरी जगह प्रतिरोपण?
ब्रह्मपुखर में लगा यह पीपल का पेड़ शिमला-मटौर चार-लेन परियोजना के आड़े आ रहा था और चूंकि लोगों की धार्मिक मान्यताओं के कारण इसे काटा नहीं जा सकता था इसलिए इसे उसी जिले में मार्कंड के पास जब्बल में लगाने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि पेड़ को दूसरी जगह प्रतिरोपित करने का कार्य वन विभाग की देखरेख में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तकनीकी सहयोग से किया गया। उन्होंने बताया कि वृक्ष की जड़ों और तनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया, ताकि एक जगह से दूसरी जगह प्रतिरोपण के दौरान इसके बचे रहने और विकसित होने की संभावना सुनिश्चित की जा सके।
'धार्मिक मान्यताओं का सम्मान प्रशासन की प्राथमिकता'
बिलासपुर सदर के उपजिलाधिकारी राजदीप सिंह ने बताया कि विकास कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक मान्यताओं का सम्मान प्रशासन की प्राथमिकता है। सिंह ने बताया, ‘‘वृक्ष को सफलतापूर्वक प्रतिरोपित करने से न केवल क्षेत्र की भावनात्मक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया गया, बल्कि यह भी साबित किया गया कि आधुनिक निर्माण कार्य और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं।” (भाषा इनपुट्स के साथ)
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