Sunday, May 05, 2024
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मणिपुर में भारतीय सेना ने मांगा आर्म्ड फोर्स स्पेशल पॉवर एक्ट, जानें आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत

मणिपुर में भारतीय सेना और असम राइफ़ल की कुल मिलाकर 123 टुकड़ियां मौजूद हैं। लेकिन आर्म्ड फोर्स स्पेशल पॉवर एक्ट (AFSPA) ना होने की वजह से मैक्सिमम रेस्ट्रेंट के साथ सेना मणिपुर में लॉ एंड ऑर्डर सम्भाल रही हैं लेकिन कोई एक्शन नहीं ले सकतीं।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Swayam Prakash Published on: July 06, 2023 14:04 IST
manipur violence- India TV Hindi
Image Source : PTI मणिपुर में मई से जारी हिंसा को संभालने के लिए सेना की 123 टुकड़ियां तैनात

मणिपुर में मई से जारी जातीय हिंसा में करीब 120 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 3000 लोग घायल हैं। हालात पर काबू पाने के लिए मणिपुर में इस समय मुख्यमंत्री के कहने के बाद 3 मई से लेकर अभी तक भारतीय सेना और असम राइफ़ल की कुल मिलाकर 123 टुकड़ियां मौजूद हैं। लेकिन आर्म्ड फोर्स स्पेशल पॉवर एक्ट (AFSPA) ना होने की वजह से मैक्सिमम रेस्ट्रेंट के साथ सेना मणिपुर में लॉ एंड ऑर्डर सम्भाल रही हैं लेकिन कोई एक्शन नहीं ले सकतीं। 

AFSPA की मणिपुर में क्यों पड़ रही जरूरत?

ऐसा इसलिए क्योंकि चाहे घर जले या लूट हो, उनको केवल क़ानून व्यवस्था बनाये रखने के जिम्मा है। अगर सेना कोई एक्शन लेती है तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी जरूरी है, लेकिन इस समय के हालात में मजिस्ट्रेट मिलना मुश्किल हैं। 63 टुकड़ियां जो अभी मणिपुर की वैली में तैनात हैं, उनके लिये मजिस्ट्रेट की मौजूदगी संभव नहीं है। हालत ऐसे हैं कि पिछले 2 महीने से चाइना बॉर्डर वाली रिज़र्व फ़ोर्स को भी मणिपुर में तैनात किया गया है। वहीं दूसरी तरफ़ आर्मी और असम राइफ़ल के ऑपरेशन में लोकल हथियार से लैस लोग और मीराबाइपी मुसीबत बन रहे हैं। रोड ब्लॉक हैं और अपने रोड पर बंकर बना रखा हैं। जगह-जगह आर्मी मूवमेंट को रोका जा रहा है। 

सीनियर अधिकारियों ने रखे ये सुझाव

  • मणिपुर के हालात पर सीनियर अधिकारियों ने बताया कि जवाबदेही तय होनी चाहिए। 
  • लूटे हुए हथियार वापस हों या फिर उनके लिये ऑपरेशन हो ये साफ करना होगा। 
  • रोड ब्लॉक और मीराबाइपी को हटाया जाए। 
  • कुकी या मेयती, मीरबाइपी, वालंटियर या उग्रवादी जो स्टेट के विरुद्ध जाएं उसपर कार्यवाही हो या फिर तय सीमा के भीतर हथियार लौटाने के लिए कहा जाए। 
  • अधिकारियों ने कहा कि स्पीयर कॉर्प्स को पूरी पॉवर देते हुए उनके ओप्स कमांड में सभी फ़ोर्सेज़ को लाया जाये। 
  • कॉर्प्स कमांडर को असम की तर्ज़ पर पूरी पॉवर दी जाये। 
  • कुकी के पहाड़ी इलाको में AFSPA लगता है लेकिन उन्होंने सस्पेंशन ऑफ़ एग्रीमेंट साइन कर रखा है, इसीलिए AFSPA की ज़्यादा ज़रूरत इस समय वैली में है। 
  • उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी सीनियर ऑफिशियल्स के साथ गृह मंत्री को भी दी गई है।

क्या सिस्टम फेलियर की वजह से हुए ये हालात? 
बता दें कि इस समय पुरे मणिपुर में क़रीबन 40,000 सिक्योरिटी फ़ोर्सेज़ की तैनाती है लेकिन फिर भी हालत स्थिर नहीं हैं उसकी वजह है सिस्टम फेलियर। मणिपुर में नेशनल हाईवे 102, 202, 2 और 37 हैं। इसमें से सिर्फ़ नेशनल हाईवे 37 चल रहा है और बाकी जगह ब्लॉक है। स्टेट पुलिस और राज्य की आर्मोरी से कुल मिलाकर 5300 हथियार लुट चुके हैं। इसमें से केवल 1100 के लगभग वापस मिलें हैं। हिंसक झड़प रुकने का नाम नहीं ले रही है। 

इसी बीच भारतीय सेना और असम राइफल ने एक बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया जिसमें 4 जून 2015 में हुए ऐम्बुश, जिसमें हमारे 6 डोगरा के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, उसके मेन मास्टरमाइंड को हथियार के साथ पकड़ा था। इसका नाम सेल्फ स्टाइल लेफ़्ट कर्नल सुजीत है जो एक उग्रवादी है। इसके अलावा 12 उग्रवादियों को भी पकड़ा था, लेकिन मीराबाइपी ने इनको छुड़ाया। झुंड में आकर सेना के सामने खड़ी हो गायी और फिर झड़प के बाद सेना को इन्हें छोड़ना पड़ा। एक दूसरे ऑपरेशन में 4 उग्रवादियों को पुलिस स्टेशन से छुड़वाया गया। पिछले 2 महीनों से ये मीराबाइपी रोड पर हैं और रास्ता बंद हैं। यहां तक कि पिछले 2 महीने से सेना का काफिला भी नहीं आ पाया। दिन में रोड पर ब्लॉक और रात में मसाल जलाते हुए गाड़ियों की चेकिंग करते हैं। 

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