Saturday, May 11, 2024
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मणिपुरी फिल्म अभिनेता ने भाजपा से दिया इस्तीफा, कहा- जातीय संघर्ष से निपटने में सरकार असक्षम

मणिपुरी फिल्म अभिनेता कैकू राजकुमार ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्या से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में फैली जातीय संघर्ष से निपट पाने पर भाजपा असक्षम है। बता दें कि कैकू साल 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे।

Avinash Rai Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Updated on: September 28, 2023 10:33 IST
Manipuri film actor Kaiku Rajkumar resigns from BJP says government incapable of dealing with caste - India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM राजकुमार कैकू उर्फ सोमेंद्र

चर्चित मणिपुरी फिल्म अभिनेता राजकुमार कैकू उर्फ सोमेंद्र ने मणिपुर में हुए दो युवा छात्रों की निर्मम हत्या पर रोष प्रकट किया। इसी कड़ी में बुधवार को उन्होंने सत्तारूढ भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा जातीय संघर्ष से निपटने में राज्य सरकार असक्षम है। बता दें सोमेंद्र के इस्तीफे के बाद राज्य के शीर्ष नेताओं द्वारा उन्हें अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि राजकुमार कैकू कुकी फिल्मों सहित 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। राजकुमार ने साल 2019 में इंफाल पश्चिमी जिले के थांगमीबंद क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इस दौरान वे बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार खड़े हुए थे। हालांकि 2021 में वे भाजपा में शामिल हो गए थे। 

भाजपा से दिया इस्तीफा

पिछले साल मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में राजकुमार ने बतौर अभिनेता चुनाव प्रचार के दौरान काफी भीड़ जुटाई थी। पार्टी ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था। अपना इस्तीफा देते हुए राजकुमार ने कहा कि मेरी प्राथमिकता पहले जनता, फिर पार्टी है। इसलिए मैंने इस कठिन समय में जनता से जुड़ने के लिए अपना दिमाग लगाया। उन्होंने कहा, 'यह देखना निराशाजनक है कि सरकार ने पिछले चार महीने से अधिक समय से राज्य में जारी अव्यवस्था को ठीक करने के लिए अभी तक सक्रिया कदम नहीं उठाया है।'

क्या बोले कैकू राजकुमार

राजकुमार ने कहा, 'मैं भाजपा में यह सोचकर शामिल हुआ था कि पार्टी डबल इंजन की सरकार के साथ राज्य में अहम बदलाव लाएगी। बेशक, सीएम एन बीरेन सिंह के तहत पर्यटन के क्षेत्र में कई बदलाव लाए गए हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने सोचा कि केंद्रीय नेता चल रहे मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई कर संघर्ष को खत्म करेंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्रीय नेताओं को लोगों के दर्द और दुख की परवाह नहीं है। वे लोगों की हर उम्मीद के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि मैं सार्वजनिक व्यवस्था बहाल करने के लिए लोगों के अभियान में शामिल होने के लिए एक स्वतंत्र नागरिक हूं।'

(इनपुट-आईएएनएस)

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