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पंजाब, राजस्थान के बाद हरियाणा कांग्रेस में भी बजा बगावत का बिगुल

कांग्रेस के मुश्किलों का फिलहाल कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। पहले से ही राजस्थान और पंजाब में पार्टी के भीतर जारी कलह के बीच अब हरियाणा में भी बग़ावत का बिगुल बज गया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Jul 05, 2021 10:21 pm IST, Updated : Jul 05, 2021 10:25 pm IST
पंजाब, राजस्थान के बाद हरियाणा कांग्रेस में भी बजा बगावत का बिगुल- India TV Hindi
Image Source : FILE पंजाब, राजस्थान के बाद हरियाणा कांग्रेस में भी बजा बगावत का बिगुल

चंडीगढ़: कांग्रेस के मुश्किलों का फिलहाल कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। पहले से ही राजस्थान और पंजाब में पार्टी के भीतर जारी कलह के बीच अब हरियाणा में भी बग़ावत का बिगुल बज गया है। हरियाणा कांग्रेस के अंदर घमासान शुरू हो गया है। दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस विधायकों के एक धड़े ने कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

यह विधायक कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। विधायकों के इस गुट ने कुमारी शैलजा को हटाकर दीपेंद्र हुड्डा या भूपिंदर सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग की है। नाराज विधायकों ने सोमवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से दिल्ली में मुलाकात भी की।

केसी वेणुगोपाल ने पांच-पांच के ग्रुप में विधायकों से बात की। शुक्रवार को उन्नीस विधायकों ने हरियाणा कांग्रेस के इंचार्ज विवेक बंसल से भी मुलाकात की थी। हरियाणा में कांग्रेस के कुल 31 विधायक हैं, जिनमें से 21 विधायक खुलकर हुड्डा का समर्थन कर रहे हैं। यह अपनी ताकत दिखाने के लिए भूपिंदर सिंह हुड्डा के घर भी जुटे थे।

इन विधायकों का कहना है कि 'सूबे के सबसे बड़े नेता भूपिंदर हुड्डा हैं। पार्टी लीडरशिप को उन्हें साथ लेकर चलना चाहिए।' हुड्डा के करीबी सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों ने स्पष्ट किया कि हरियाणा में मजबूत नेतृत्व और संगठन की बदौलत ही भाजपा सरकार को कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है। 

दूसरी तरफ, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा के करीबी सूत्रों ने वेणुगोपाल के साथ विधायकों की मुलाकात को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि प्रदेश में संगठन के निर्माण और पार्टी को मजबूत करने के लिए विचार-विमर्श का दौर चल रहा है तथा यह मुलाकात भी इसी से जुड़ी है।

शैलजा समर्थकों का यह भी कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा गुट अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में है ताकि जाट समुदाय के बीच पकड़ को बनाए रखा जा सके।

कांग्रेस के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि ‘हुड्डा समर्थक विधायकों ने वेणुगोपाल के साथ मुलाकात के दौरान इस बात का उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों से हरियाणा कांग्रेस में संगठन नहीं बन पाया है। उन्होंने यह मांग भी उठाई में मौजूदा हालात में वहां कांग्रेस को मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।’

हुड्डा समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हुड्डा जी की अगुवाई में ही भाजपा की सरकार को ज्यादा कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है और कांग्रेस मजबूत हो सकती है।’’ 

उधर, सैलजा समर्थक एक नेता का कहना है, ‘‘मौजूदा राजनीतिक गतिविधि का कारण ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई और जाट राजनीति है। हुड्डा गुट जाट समुदाय के बीच अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है और उसे यह पता है कि इसमें ओमप्रकाश चौटाला से उसे चुनौती मिल सकती है।’’

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