Saturday, April 27, 2024
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कश्मीर में जो मारे गए, वो दूध, टॉफी खरीदने नहीं निकले थे: महबूबा

जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों की हत्या को जायज करार देते हुए कहा कि जिन्हें गोली या पैलेट लगी, वे दूध या टॉफी खरीदने बाहर नहीं निकले थे।

IANS IANS
Updated on: August 25, 2016 15:51 IST
mehbooba mufti- India TV Hindi
mehbooba mufti

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों की हत्या को जायज करार देते हुए कहा कि जिन्हें गोली या पैलेट लगी, वे दूध या टॉफी खरीदने बाहर नहीं निकले थे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महबूबा को कुछ कठिन सवालों का सामना करना पड़ा। (देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)

जब महबूबा को आया गुस्सा

​उनसे पूछा गया कि कैसे वे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ असंगत बल प्रयोग को उचित ठहरा सकती है, जबकि वे जब विपक्ष में थीं, तो साल 2010 में नागरिकों की मौत पर उन्होंने सरकार की आलोचना की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने क्रोधित होते हुए पत्रकार से कहा कि उन्हें दो घटनाओं की तुलना नहीं करनी चाहिए। महबूबा ने कहा, "आप गलत है। 2010 में जो हुआ उसका एक कारण है। माछिल में एक नकली एनकाउंटर हुआ था। तीन नागरिक मारे गए थे। आज तीन आतंकवादी मारे गए हैं और उसके लिए सरकार को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है?"

क्या कोई बच्चा आर्मी कैंप से टॉफी खरीदने गया था?
​महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद लोग सड़कों पर बाहर क्यों निकले, जबकि सरकार ने कर्फ्यू लागू कर रखा था। उन्होंने कहा, "क्या कोई बच्चा आर्मी कैंप से टॉफी खरीदने गया था? एक 15 साल का लड़का जिसने पुलिस थाने पर हमला किया (दक्षिण कश्मीर में), क्या वह दूघ खरीदने गया था? दोनों की तुलना ना करें।"

स्वार्थी तत्व कश्मीरी युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि गरीब कश्मीरी युवाओं को कुछ निहित स्वार्थो द्वारा ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता ने कहा कि केवल पांच फीसदी कश्मीरी हैं, जो हिसा का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, "95 फीसदी लोग हिंसा नहीं चाहते। वे शांति चाहते हैं। वे कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत चाहते हैं। हमें उन तक पहुंचना चाहिए।"

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