Tuesday, April 30, 2024
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International Kite Festival 2024: आखिर मकर संक्राति पर क्यों उड़ाते हैं पतंग? जानें इससे जुड़ी दिलचस्प जानकारी

मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जिसमें आकाश में सिर्फ पतंगे ही पतंगे दिखाई देती है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस दिन पतंगबाजी क्यों की जाती है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मकर संक्राति पर पतंग उड़ाने के पीछे क्या मान्यता है?

Poonam Yadav Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Updated on: January 08, 2024 7:08 IST
International Kite Festival- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL International Kite Festival

मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो भगवान सूर्य समर्पित है। इस दिन स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा की जाती है और दान किया जाता है। मकर संक्रांति के दिन से ही विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त देखे जाने लगते हैं, क्योंकि उस दिन से खरमास खत्म हो जाता है। मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जिसे हमारे देश में ही अनेक नाम से पुकारा जाता है। इसे तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, पंजाब में लोहड़ी, असम में भोगली, बंगाल में गंगासागर और उत्तर प्रदेश में खिचड़ी के नाम से जाना जाता हैं। इस त्यौहार के दिन आकाश में सिर्फ पतंगे ही पतंगे दिखाई देती है। जिसमें लोग ग्रुप में होकर एक-दूसरे से पतंग का मांझा काट रहे होते है। यह पतंगबाजी कहीं कहीं पर ओलंपिक स्तर पर भी होती है। इस दिन बच्चे ही नहीं बड़े-बुजुर्ग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर इस दिन पतंगबाजी क्यों की जाती है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मकर संक्राति पर पतंग उड़ाने के पीछे क्या मान्यता है?

पतंग उड़ाने के पीछे है वैज्ञानिक कारण

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के पीछे वैज्ञानिक कारण बताए गए हैं।  इसके अनुसार खुले आसमान में पतंग उड़ाने से हमें सूर्य से विटामिन-डी मिलता है। जिससे हमारे शरीर को काफी जरूरत होती है, साथ ही धूप में पतंग उड़ाने से सर्दी की हवाओं से भी बचा जा सकता है और शरीर को रोगों से बचाया जा सकता है। 

धार्मिक मान्यता की वजह से भी उड़ाते हैं पतंग

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के पीछे धार्मिक वजहें भी हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा की शुरुआत भगवान राम ने थी। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब भगवान राम ने पहली बार इस त्यौहार में पतंग उड़ाई थी तो वह पतंग इंद्रलोक में चली गई थी।  वहीं  से भगवान राम की इस परंपरा को लोग आज भी श्रद्धा के साथ मनाते हैं।

भाईचारा से जुड़ा है पतंग उड़ाने का संदेश 

मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर एक-दूसरे को गले लगाकर भाईचारा और खुशी का संदेश दिया जाता है। पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है।  

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