राजमार्त्तण्ड के अनुसार पंचक के नक्षत्रों को शुभ फल और अशुभ फल
शुभ फल
- शतभिषा नक्षत्र और घनिष्ठा नक्षत्र को चल संज्ञक माना जाता है। इसमें चलते हुए काम करना शबम माना जाता है जैसे कि यात्रा, वाहन करना आदि शुभ माना गया है।
- उत्तराभाद्रपद नक्षत्र स्थिर संज्ञक नक्षत्र माना गया है। इस नक्षत्र में स्थिर काम अच्छे माने जाते है जैसे कि ग्रह प्रवेश, बीज बोना, गृह प्रवेश या फिर जमीन से जुड़ा कोई स्थिर काम हो। इस नक्षत्र में ये काम करने से आपको जरूर सफलता मिलेगी।
- रेवती नक्षत्र को मैत्री संज्ञक माना जाता है। यह नक्षत्र व्यापार के लिए काफी अच्छा होता है। इस नक्षत्र में कपड़े, गहने खरीदना या फिर कोई विवाद से छुटकारा पाना शुभ माना जाता है।
अशुभ फल
- धनिष्ठा नक्षत्र में दक्षिण दिशा की यात्रा अथवा छत डलवाना या ईंधन इकठ्ठा करने अथवा चारपाई बनाने से अग्निभय होता है।
- यही सभी कार्य शतभिषा नक्षत्र में करने से कलह होता है।
- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में करने से रोग होता है।
- उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में करने से जुर्माना होता है और रेवती नक्षत्र में करने पर धन की हानि होती है।
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