Friday, April 26, 2024
Advertisement

Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत और शुक्रवार चमका सकता है आपकी किस्मत, जानिए किस शुभ मुहूर्त में कैसे करें शिव जी की पूजा

प्रदोष व्रत 2019: आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोजशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। जानें शुक्र प्रदोष व्रत में किस शुभ मुहूर्त में कैसे करें पूजा।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 10, 2019 13:12 IST
Pradosh vrat- India TV Hindi
Pradosh vrat

धर्म डेस्क: आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।  हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है और अगर त्रयोदशी तिथि पूरा एक दिन पार करके अगले दिन भी हो, तो प्रदोष व्रत उस दिन किया जाता है, जिस दिन प्रदोष काल होता है। प्रदोष काल रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि सूर्यास्त के तुरंत बाद के समय को कहते हैं। जानिए पूजा का सही समय और पूजा विधि। इस बार 14 जून, शुक्रवार को है।  शुक्रवार को पड़ने वाली प्रदोष व्रत अच्छा भाग्य और दंपत्ति की खुशियों को बनाए रखने के लिए होता है।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

 प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में, यानी सूर्यास्त के बाद रात्रि के प्रथम प्रहर में भगवान शिव की पूजा का विधान है और जानकारी के लिये आपको बता दूं कि आज के दिन सूर्यास्त शाम 07 बजकर 20 मिनट पर होगा।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि
ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर सभी कामों से निवृत्त होकर भगवान शिव का स्मरण करें। इसके साथ ही इस व्रत का संकल्प करें। इस दिन भूल कर भी कोई आहार न लें। शाम को सूर्यास्त होने के एक घंटें पहले स्नान करके सफेद कपडे पहने।

इसके बाद ईशान कोण में किसी एकांत जगह पूजा करने की जगह बनाएं। इसके लिए सबसे पहले गंगाजल से उस जगह को शुद्ध करें फिर इसे गाय के गोबर से लिपे। इसके बाद पद्म पुष्प की आकृति को पांच रंगों से मिलाकर चौक को तैयार करें।

इसके बाद आप कुश के आसन में उत्तर-पूर्व की दिशा में बैठकर भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव का जलाभिषेक करें साथ में ऊं नम: शिवाय: का जाप भी करते रहें। इसके बाद विधि-विधान के साथ शिव की पूजा करें फिर इस कथा को सुन कर आरती करें और प्रसाद सभी को बाटें।

प्रदोष व्रत में इस मंत्र का करें जाप
अब केले के पत्तों और रेशमी वस्त्रों की सहायता से एक मंडप तैयार करना चाहिए। अब चाहें तो आटे, हल्दी और रंगों की सहायता से पूजाघर में एक अल्पना (रंगोली) बना लें। इसके बाद साधक (व्रती) को कुश के आसन पर बैठ कर उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। व्रती को पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' और शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।

ये भी पढ़ें-

14 जून राशिफल: शुक्रवार को एक साथ बन रहे है की शुभ योग, इन 6 राशियों के किस्मत के सितारे होंगे बुलंदी पर

15 जून को सूर्य कर रहा मिथुन राशि में प्रवेश, इन 5 राशियों की जिंदगी में पड़ेगा सबसे ज्यादा प्रभाव

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement