बालाघाट में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शासकीय आश्रम छात्रावास में अंशकालीन सफाईकर्मी को इनकम टैक्स विभाग ने एक करोड़ 20 लाख का नोटिस भेजा है। इस सफाईकर्मी की तनख्वाह महज 5 हजार रुपये है। संतोष चौधरी बालाघाट के एक आदिवासी आश्रम में सफाई कर्मचारी हैं, जिसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। संतोष आश्रम के एक छोटे से कमरे में रहता है। वह ग्राम पादरीगंज का रहने वाला है और साल 2016 से अंशकालीन कर्मी के रूप में गांव से आकर महज 5 हजार की तनख्वाह में किसी तरह गुजारा करता है।
संतोष पर इनकम टैक्स विभाग ने 1 करोड़ 20 लाख का टैक्स लगाया है। संतोष को मिले नोटिस में पेनाल्टी भी शामिल है। टैक्स जमा नहीं करने पर संतोष को कानूनी कार्रवाई करने के भी चेतावनी दी गई है।
सरपंच ने लिया था पैन कार्ड
संतोष के पैन कार्ड से 2017-18 में 55 लाख से ज्यादा की इनकम दिखाई गई। इतना ही नहीं, टैक्स और ब्याज मिलाकर अब यह रकम 1 करोड़ 20 लाख तक पहुंच गई है। संतोष ने पुलिस और इनकम टैक्स विभाग दोनों को शिकायत दी है। संतोष ने बताया कि कई साल पहले गांव के पूर्व सरपंच ने गाड़ी खरीदने के लिए उनके दस्तावेज लिए थे। उसने गाड़ी खरीदी और उसकी किस्त भी बराबर जमा कर रहा है। उसके दो बैंक खाते हैं, उसमें भी बैंक स्टेटमेंट में पैसों का लेनदेन नहीं दिख रहा। मतलब साफ है कि पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल हुआ है। इस समय वह बहुत परेशान है और मामला खत्म कराने के लिए न्यायालय, वकील और आयकर विभाग के चक्कर लगाने मजबूर हो गया है।
आयकर विभाग से जांच की मांग
संतोष चौधरी की माने तो छिंदवाड़ा के एक शोरूम से 2017-18 में 55 लाख रुपए का लेन देन उसके पैन कार्ड में शो कर रहा है। उसका कहना है कि उसने कभी इस तरह का कोई लेन देन किया ही नहीं है। उसने इस मामले की पूर्व में पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत कर चुका है। अब संतोष ने आयकर विभाग से गुहार लगाई है कि उनके पैन नंबर से हुई धोखाधड़ी की जांच की जाए और उनके ऊपर लटकी कानूनी कार्रवाई की तलवार हटाई जाए।
(बालाघाट से शौकत बिसाने की रिपोर्ट)
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