Friday, April 26, 2024
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MP में Love Jihad को लेकर पारित हुआ ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’, 10 साल की कैद के साथ देना होगा भारी जुर्माना

मध्य प्रदेश विधानसभा में ‘मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’ सोमवार (8 मार्च) को पारित हो गया। लव जिहाद के खिलाफ विधेयक में कड़ी सजा का प्रावधान है।

Anurag Amitabh Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Published on: March 08, 2021 15:55 IST
मध्यप्रदेश विधानसभा में पारित हुआ ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV मध्यप्रदेश विधानसभा में पारित हुआ ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में ‘मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’ सोमवार (8 मार्च) को पारित हो गया। लव जिहाद के खिलाफ विधेयक में कड़ी सजा का प्रावधान है। विधेयक में शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति मिलने पर यह कानून नौ जनवरी को अधिसूचित ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ की जगह लेगा। बता दें कि, इससे पहले 9 जनवरी को कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को पास कर राज्यपाल से मंजूरी मिल चुकी है।

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 1 मार्च को सदन में विधेयक को किया था पेश

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 1 मार्च को इस विधेयक को सदन में पेश किया था और सोमवार को चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। कानून के अनुसार, ‘‘अब जबरन, भयपूर्वक, डरा-धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति, संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था के खिलाफ शिकायत प्राप्त होते ही संबंधित प्रावधानों के मुताबिक आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।’’ राज्य सरकार के इस कानून का उल्लंघन करने वाली किसी भी शादी को शून्य माना जाएगा।

जानिए क्या होगी सजा और कितना लगेगा जुर्माना

  1. इस विधेयक के विभिन्न प्रावधानों के तहत अपना धर्म छिपाकर (कथित लव जिहाद) धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से 10 साल तक के कारावास और 50,000 रुपये के अर्थदण्ड तथा सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर पांच से 10 वर्ष तक के कारावास एवं एक लाख रुपये के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है।
  2. इस अध्यादेश के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम का उल्लंघन किए जाने पर एक साल से पांच साल तक का कारावास और 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। साथ ही नाबालिग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मामले में दो से 10 साल तक का कारावास और कम से कम 50,000 रुपये का अर्थदंड लगाने का प्रावधान किया गया है।
  3. इस विधेयक में स्वेच्छा से धर्म संपरिवर्तन करने वाले व्यक्ति अथवा उसका धर्म संपरिवर्तन कराने वाले धार्मिक व्यक्ति द्वारा जिला दंडाधिकारी को 60 दिन पहले सूचना दिया जाना अनिवार्य किया गया है।
  4. धर्म परिवर्तन कराने वाले धार्मिक व्यक्ति द्वारा जिला दंडाधिकारी को धर्म संपरिवर्तन के 60 दिन पूर्व सूचना नहीं दिए जाने पर कम से कम तीन वर्ष तथा अधिकतम पांच वर्ष के कारावास तथा कम से कम 50,000 रुपये के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।
  5. यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक बार इस अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उसे पांच से 10 साल तक के कारावास का सामना करना पडे़गा। अधिनियम में कार्रवाई के लिए धर्मांतरण के लिए बाध्य किए गए पीड़ित व्यक्ति अथवा उसके माता-पिता या भाई-बहन अथवा अभिभावक शिकायत कर सकते हैं।

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