महाराष्ट्र में महायुति की सरकार ने नशीले पदार्थों की बिक्री को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब राज्य में स्कूलों और महाविद्यालयों आदि में पान, तंबाकू और नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानभवन में जानकारी दी है कि स्कूलों और महाविद्यालयों आदि में नशीले पदार्थों की बिक्री करने वालों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्या बोले सीएम फडणवीस?
राज्य विधान भवन में हुई प्रश्नोत्तर की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी दी कि राज्य के स्कूलों और महाविद्यालयों के परिसर में पान, तंबाकू और नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कानून में आवश्यक संशोधन कर ऐसे अपराधियों पर मोक्का (MCOCA) लगाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।"
छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे
इससे पहले राज्य के गृह राज्यमंत्री पंकज भोयर ने सभागार में जानकारी दी थी कि ऐसी दुकानों और पान की टपरियों को हटाने के निर्देश सभी महानगरपालिकाओं और नगरपालिकाओं को दिए गए हैं। इस विषय पर विधायक प्रशांत ठाकुर ने प्रश्न उठाया था। इसके बाद अभिमन्यु पवार और अस्लम शेख ने उपप्रश्न पूछते हुए इस मुद्दे पर गंभीर कार्रवाई की मांग की। सरकार ने स्पष्ट किया कि शैक्षणिक परिसरों में छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
वनों में बड़ी संख्या में बकरियां छोड़ने का निर्देश
दूसरी ओर विधायक जितेंद्र आव्हाड की ओर से पेश किए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाइक ने कहा है कि तेंदुओं को मानव बस्तियों में आने से रोकने के लिए वन अधिकारियों को जंगलों में बड़ी संख्या में बकरियां छोड़ने का निर्देश दिया गया है। वन मंत्री गणेश नाइक ने कहा- “अगर तेंदुए के हमले में चार लोग मारे जाते हैं, तो राज्य को (मुआवजे के रूप में) एक करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इसलिए मैंने अधिकारियों से कहा है कि मौतों को लेकर मुआवजा वितरित करने के बजाय एक करोड़ रुपये मूल्य की बकरियां जंगल में छोड़ दी जाएं, ताकि तेंदुए मानव बस्तियों में प्रवेश न करें।”
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