नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पीएम किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) के 5 प्रतिशत लाभार्थियों की औचक जांच करने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पैसा सिर्फ जरूरतमंद और वास्तविक किसानों तक ही पहुंचे। ऐसी कुछ शिकायतें आ रही हैं कि इस योजना के अंतर्गत पैसा अपात्र किसानों के खातों में भेजा जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से साल में तीन बराबर किस्तों में 6000 रुपए किसान के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं।
एक ऐसा ही मामला कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान तमिलनाडु में अचानक किसानों की संख्या बढ़ने की वजह से सामने आया। इससे केंद्र सरकार चौकन्ना हो गई। सिस्टम में सेंध लगाकर करोड़ों रुपए निकाल लिए गए। सरकार की सख्ती से अब तक 61 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। लिहाजा अगर गलत तरीके से पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा लेते हैं, तो इतना तो निश्चित है कि रकम वापस वसूली जाएगी।
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कर्मचारियों की मिली भगत से हुआ फर्जीवाड़ा
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत के अब तक 94 हजार करोड़ रुपए किसानों के बैंक अकाउंट में भेजे जा चुके हैं। तमिलनाडु में अब तक 5.95 लाख लाभार्थियों के अकाउंट की जांच की गई है, जिसमें से 5.38 लाख फर्जी निकले हैं। अब संबंधित बैंकों के जरिए फर्जी लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में गई रकम को वसूला जा रहा है। राज्य में 96 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की सर्विस खत्म कर दी गई है। अपात्र लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए जिम्मेदार पाए गए 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। 3 ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और 5 सहायक कृषि अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। ये लोग पासवर्ड के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार पाए गए थे। 13 जिलों में FIR दर्ज करके संविदा कर्मियों सहित 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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जानिए किसे नहीं मिलेगा पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ
पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ प्रोफेशनल डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो खेती भी करते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इनकम टैक्स देने वालों और 10 हजार रुपए से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ से बाहर रखा गया है। अगर किसी टैक्सपेयर्स ने स्कीम की दो किस्तें ले ली तो वो तीसरी बार में पकड़ में आ जाएंगे। क्योंकि आधार वेरीफिकेशन हो रहा है। इतना ही नहीं सांसद, विधायक, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी करते हों। अगर उन्होंने अप्लाई कर दिया तो पैसे नहीं आएंगे। मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकार में किसी भी अधिकारी या कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
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