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NCLAT ने साइरस मिस्‍त्री को फ‍िर से बहाल किया टाटा ग्रुप का चेयरमैन, एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को ठहराया अवैध

Latest News Cyrus Mistry (सायरस पालोनजी मिस्त्री) की फिर हुई टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में बहाली, NCLAT ने एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को ठहराया अवैध

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : December 18, 2019 16:12 IST
NCLAT restores Cyrus Mistry as chairman of Tata Group, N Chandrasekaran's appointment held illegal- India TV Paisa

NCLAT restores Cyrus Mistry as chairman of Tata Group, N Chandrasekaran's appointment held illegal

नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने साइरस मिस्‍त्री (Cyrus Mistry) को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने एन चंद्रशेखरन की कार्यकारी चेयरमैन पद पर नियुक्ति को भी अवैध ठहराया है। हालांकि न्यायाधिकरण ने कहा कि बहाली आदेश चार सप्ताह बाद अमल में आएगा। टाटा संस को अपील करने के लिए यह समय दिया गया है। राष्‍ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्‍यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उस याचिका पर साइरस मिस्‍त्री के पक्ष में फैसला सुनाया है, जिसमें टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने को चुनौती दी गई थी।

इससे पहले राष्‍ट्रीय कंपनी विधि न्‍यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने दो निवेश कंपनियों साइरस इनवेस्‍टमेंट्स प्रा. लि. और स्‍टर्लिंग इनवेस्‍टमेंट्स कॉर्प द्वारा मिस्‍त्री को पद से हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को ख‍ारिज कर दिया था। इसके बाद मिस्‍त्री ने खुद एनसीएलटी के आदेश पर एनसीएलएटी का दरवाजा खटखटाया था।   

मिस्‍त्री, जो टाटा संस के छठवें चेयरमैन थे, को अक्‍टूबर 2016 में एक नाटकीय घटनाक्रम में उनके पद से हटा दिया गया था। रतन टाटा के सेवानिवृत्‍त होने के बाद मिस्‍त्री ने 2012 में चेयरमैन का पद संभाला था।

मिस्‍त्री ने एनसीएलटी की मुंबई बेंच द्वारा जारी 9 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें टाटा संस चेयरमैन के पद से उन्‍हें हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था। उन्‍होंने रतन टाटा और कंपनी के बोर्ड पर गलत व्‍यवहार करने का भी आरोप लगाया था।

न्‍यायाधिकरण की विशेष पीठ ने कहा था कि टाटा संस के निदेशक मंडल के पास कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन को हटाने का अधिकार है। एनसीएलटी पीठ ने भी यह कहा था कि मिस्‍त्री को चेयरमैन पद से इसलिए हटाया गया क्‍योंकि टाटा संस और इसके अधिकांश शेयरधारकों को उन पर भरोसा नहीं बचा था।

पद से हटाए जाने के दो महीने बाद मिस्‍त्री के परिवार द्वारा संचालित कंपनियों ने एनसीएलटी में टाटा संस, रतन टाटा और कुछ अन्‍य बोर्ड सदस्‍यों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। मिस्‍त्री ने आरोप लगाए थे कि उनको पद से हटाने की प्रक्रिया कपंनी कानून के मुताबिक नहीं है और टाटा संस में कुप्रबंधन है।

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