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लोन चुकाने के बाद कस्टमर को प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट नहीं देने पर बैंक हर रोज देगा ₹5000 रुपये हर्जाना, RBI गाइडलाइन

आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि विनियमित संस्थाओं को ऐसे चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को जारी करने में अलग-अलग तरीकों का पालन करते हैं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद सामने आते हैं।

Edited By: Sourabha Suman
Published : Sep 13, 2023 13:57 IST, Updated : Sep 13, 2023 13:57 IST
property documents- India TV Paisa
Photo:PIXABAY प्रॉपर्टी

क्या आपने लोन चुकता कर दिया है लेकिन बैंक से प्रॉपर्टी के पेपर (property documents) अभी तक नहीं मिले हैं? अगर नहीं तो कोई बात नहीं, बैंक आपको देरी के बदले हर रोज 5000 रुपये हर्जाना के हिसाब से राशि चुकाएगा। जी हां, ऐसा संभव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी नई गाइडलाइन से हो सका है। 13 सितंबर को जारी नए निर्देश में आरबीआई ने बैंकों बैंकों, एनबीएफसी (एचएफसी सहित), एआरसी, एलएबी और सहकारी बैंकों सहित विनियमित संस्थाओं (REs) से कस्टमर के लोन पूरी तरह चुका देने के 30 दिनों के भीतर प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स देने का निर्देश दिया है।  इस निर्देश का पालन न होने पर किसी भी देरी के लिए हर रोज 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

1 दिसंबर, 2023 को होगा लागू 

खबर के मुताबिक, आरबीआई का यह नया निर्देश 1 दिसंबर, 2023 को लागू होने वाला है। साल 2003 से अलग-अलग विनियमित संस्थाओं (आरई) को जारी उचित व्यवहार संहिता पर गाइडलाइन के मुताबिक, REs को पूरा रीपेमेंट हासिल करने और लोन अकाउंट को बंद करने पर सभी चल और अचल संपत्ति डॉक्यूमेंट्स जारी करना जरूरी है। cnbctv18 की खबर के मुताबिक, आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि विनियमित संस्थाओं को ऐसे चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को जारी करने में अलग-अलग तरीकों का पालन करते हैं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद सामने आते हैं।

तब हट जाएंगे शुल्क

निर्देश में यह भी स्पष्ट है कि REs सभी मूल चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों (property documents) को जारी करेगा और लोन अकाउंट के कम्प्लीट रीपेमेंट या निपटान के बाद 30 दिनों की अवधि के भीतर किसी भी शुल्क को हटा देगा। आरबीआई (RBI) के मुताबिक, मूल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की समयसीमा और स्थान की चर्चा इफेक्टिव डेट पर या उसके बाद जारी किए गए लोन मंजूरी पत्रों में स्पष्ट रूप से किया जाएगा। डॉक्यूमेंट देने में देरी होने पर अवधि के जुर्माने की गणना की जाएगी, जो कुल 60 दिन होंगे।

प्रक्रिया बनाई जाएगी आसान

इसके अलावा, अकेला उधारकर्ता या ज्वाइंट उधारकर्ताओं के निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को एड्रेस करने के लिए, REs को कानूनी उत्तराधिकारियों को मूल संपत्ति दस्तावेज (property documents) वापस करने के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए। इस प्रक्रिया को REs की वेबसाइटों पर भी आसान बनाया जाएगा। cnbctv18 की खबर के मुताबिक,भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ये निर्देश बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21, 35ए और 56, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेए और 45एल और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए के तहत जारी किए हैं।

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