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देश की जीडीपी को लेकर RBI गवर्नर का आया ये बयान, जानें शक्तिकांत दास ने और क्या कहा

दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण आए गंभीर संकट से उबर गई और इसकी 2021-24 के दौरान औसत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत से अधिक रही।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Sep 13, 2024 13:04 IST, Updated : Sep 13, 2024 13:05 IST
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास।- India TV Paisa
Photo:FILE भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि भारत का वृद्धि परिदृश्य देश के वृहद आर्थिक बुनियाद की मजबूती को बताता है। दास ने कहा कि इसमें निजी उपभोग और निवेश जैसे घरेलू तत्व प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने ब्रेटन वुड्स कमेटी, सिंगापुर द्वारा आयोजित ‘फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024’ में कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के माहौल का समर्थन है। भाषा की खबर के मुताबिक, दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण आए गंभीर संकट से उबर गई और इसकी 2021-24 के दौरान औसत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत से अधिक रही। चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए आरबीआई ने वास्तविक जीडीपी यानी आधार मूल्य पर वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। 

हमें अभी भी एक दूरी तय करनी है

खबर के मुताबिक, दास ने कहा कि यह ग्रोथ दृष्टिकोण भारत के वृहद आर्थिक बुनियाद की ताकत को दिखाता है। इसमें घरेलू तत्व - निजी खपत और निवेश - प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। दास ने मुद्रास्फीति के बारे में कहा कि यह अप्रैल, 2022 के 7.8 प्रतिशत के उच्च स्तर से घटकर दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गई है, लेकिन हमें अभी भी एक दूरी तय करनी है और हम दूसरी तरफ देखने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं। गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक के अनुमानों से संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति घटकर 2024-25 में 4.5 प्रतिशत और 2025-26 में 4.1 प्रतिशत हो सकती है। यह 2023-24 में 5.4 प्रतिशत थी। 

खुदरा मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने नरम

गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने अगस्त में रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के औसत लक्ष्य से नीचे 3.65 प्रतिशत पर रही। जुलाई में यह पांच साल के निचले स्तर 3.6 प्रतिशत पर थी। उन्होंने कहा कि राजकोषीय मजबूती जारी है और मध्यम अवधि में सार्वजनिक ऋण का स्तर घट रहा है।

कंपनियों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है, जिससे उनके कर्ज में कमी आई है और लाभ के कारण मजबूत वृद्धि संभव हुई है। गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का बहीखाता भी मजबूत हुआ है। दास ने कहा कि साल 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता और उसके बाद उसका निरंतर योगदान नई दिल्ली के विश्व को एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य बनाने के दृष्टिकोण को बताता है। 

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