जमीन से हवा में मार करने वाली मौजूदा आकाश मिसाइल 96 फीसदी स्वदेशी है। ये हवा में 25 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इस सिस्टम को भारतीय वायु सेना ने 2014 में और भारतीय सेना ने 2015 में सेवा में शामिल किया था। कैबिनेट ने हाल ही में सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने हाल ही में 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन विमानों का निर्माण एचएएल और प्राइवेट सेक्टर की अन्य कंपनियां मेक इन इंडिया अभियान के तहत करेंगी। ये पूरा सौदा 48 हजार करोड़ रुपये का है। वहीं इससे पहले सरकार ने जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में स्वत: मार्ग के जरिये रक्षा विनिर्माण में 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने की घोषणा की थी।
एलएंडटी के मुताबिक ठेके के तहत चार रेजिमेंटों के लिए पिनाक लॉन्चर, बैटरी कमांड पोस्ट और संबंधित इंजीनियरिंग सपोर्ट पैकेज की आपूर्ति की जाएगी। भारत ने ये सिस्टम चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात करने का फैसला लिया है।
रक्षा मंत्री ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के इरादे से दो सप्ताह पहले ही चरणबद्ध तरीके से 2024 तक 101 सैन्य प्रणाली और हथियारों के आयात पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। इन प्रणालियों और हथियारों में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, परंपरागत पनडुब्बी और क्रूज मिसाइल शामिल हैं।
महामारी की वजह से रिपोर्ट पिछले सत्र में पेश नहीं हो सकी थी
घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 101 हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगाया
अगले पांच साल में रक्षा एवं एरोस्पेस क्षेत्र में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत रक्षा क्षेत्र में FDI नियमों में नरमी का हुआ था ऐलान
सरकार ने ऑटोमैटिक रूट से FDI की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने का ऐलान किया है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज मंगलवार (25 फरवरी) को होने वाली बातचीत बेहद अहम है।
रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी करते हुए 2020-21 के लिए इसमें 3.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि इससे पिछले साल यह 3.18 लाख करोड़ रुपए था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के उद्योग एवं व्यापार मंत्री डेनिस मांटुरोव मॉस्को में भारत-रूस रक्षा उद्योग सहयोग सम्मलेन में रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों को मंगलवार को संबोधित करेंगे।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 11वां डिफेंस एक्सपो इंडिया-2020 आयोजित किया जाएगा।
हाल के वर्षों में निर्यात में जारी वृद्धि को देखते हुये 2024-25 तक रक्षा उत्पादों का निर्यात 35,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर लेने का अनुमान है।
मोदी सरकार ने रक्षा पेंशन के लिए 1,12,079.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कुल रक्षा आवंटन लगभग 431,010.79 करोड़ रुपये है जो आने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47% है।
ये उम्मीद की जा रही हैं कि निर्मला सीतारमण आज रक्षा बजट पर बड़ा ऐलान कर सकती है। जहां देश की पहली पूर्णकालिक रक्षामंत्री रहते हुए निर्मला सीतारमण ने अहम खरीद समझौतों को अंजाम दिया है तो वहीं उनके रक्षामंत्री रहते बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा का बदला लिया गया।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए चीन आनन-फानन में एक नया निवेश कानून पारित करने वाला है।
वित्त मंत्री ने रेलवे की योजनाओं के लिए 2019-20 में आम बजट से 64,587 करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा की है।
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