दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल करीब 4 रुपया महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल भी करीब 4 रुपये की ही बढ़त देखने को मिली है। नए साल में अब तक कीमतों में 14 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो चुका है।
कंपनी की तेल-से-रसायन इकाई में परिशोधन संयंत्र, पेट्रोरसायन इकाइयां और खुदरा ईंधन मार्केटिंग कारोबार शामिल है। इसमें केजी-डी6 जैसे तेल व गैस उत्पादक क्षेत्र तथा कपड़ा व्यवसाय शामिल नहीं है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पहली बार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों में तेल-से-रसायन व्यवसाय की एकीकृत कमाई की जानकारी दी है।
इस महीने पेट्रोल और डीजल के दाम में अब तक आठ बार बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 97 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है जबकि डीजल 1.67 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।
बयान में कहा कि 11 नवंबर को तेल, गैस और पेट्रोरसायन क्षेत्र के वैश्विक नेता उद्योग के सामने पेश आ रही दिक्कतों पर चर्चा करेंगे। साथ ही तेल एवं गैस कंपनियां कोविड-19 से उपजे हालात में कैसे लचीला रुख बना रही हैं और ऊर्जा क्षेत्र में आ रहे बदलाव में उनकी भूमिका पर भी बातचीत होगी।
सरकार ने तेल एवं गैस की खोज को तेज करने तथा घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये 2018 में ओएएलपी के तहत पहले दौर की नीलामी शुरू की थी। इसके तहत खोज करने वाली कंपनियों को क्षेत्र चुनने की सुविधा मिलती है। गुरुवार तक 5 दौर की बोलियों पर फैसला किया जा चुका है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित बैठक का उद्देश्य बेहतर गतिविधियों को समझने, सुधारों पर चर्चा करने और भारतीय तेल एवं गैस मूल्य श्रृंखला में निवेश में तेजी लाने के लिए रणनीतियों के बारे में जानकारी के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करना है।
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सरकार ने जरूरी वस्तु अधिनियम (Essential Commodity Act) में बदलाव किया है और दलहन, तेल तथा तिलहन, आलू और प्याज जैसी वस्तुओं को इस एक्ट से बाहर किया गया है
लॉकडाउन के चलते तेल कंपनियों ने 82 दिन के लिए इसकी कीमतों में बदलाव को रोक दिया था। इस दौरान उत्पाद शुल्क की बढ़ोतरी को इसमें समायोजित किया गया। बाद में सात जून के बाद से तेल कंपनियों ने दोबारा कीमतों में बदलाव शुरू किया। वहीं 25 जुलाई के बाद आज डीजल कीमतों में बदलाव किया गया।
तेल मार्केटिंग कंपनियों ने रविवार को दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में नौ पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की है जबकि मुंबई में पेट्रोल का दाम 10 पैसे प्रति लीटर बढ़ गया है। फिलहाल चारों महानगर में पेट्रोल की कीमत 82 रुपये के स्तर से ऊपर हैं।
ऑयल इंडिया के इतिहास में यह दूसरा तिमाही घाटा है। इससे पहले 2018-19 में कंपनी को तिमाही घाटा हुआ था।
अरेमको कंपनी बढ़ते कर्ज और कच्चे तेल की कीमतें गिरने के मद्देनजर अपनी बची पूंजी को खर्च करने से बच रही है। अरेमको से सऊदी को काफी राजस्व हासिल होता है लेकिन तेल की कीमतें गिरने से सरकारी खजाने में भी कमी आई है।
तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन को सीमा में रखने के लिए नए कदमों का असर
खरीफ फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1,015 लाख हेक्टेयर
पेट्रोलियम विभाग के प्रवक्ता साजिद काजी ने कहा कि यह करार मई में समाप्त हो गया। वित्त विभाग इसके नवीकरण का प्रयास कर रहा है।
HC ने पिछले महीने गैर-दूरसंचार कंपनियों से AGR मामले में बकाया की मांग करना अनुचित करार दिया था
सभी तेल उत्पादक देश जुलाई में तेल उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करने पर सहमत हुए थे। यह कुल वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 3 जुलाई तक देशभर में कुल 432.97 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 230.03 लाख हेक्टेयर में खेती हो पायी थी।
कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते लिया गया फैसला
भारत पेट्रोलियम का बाजार मूल्यांकन 85,316 करोड़ रुपए है और मौजूदा दर पर सरकार की हिस्सेदारी का मूल्य 45,200 करोड़ रुपए बैठता है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अबतक जो खेती हुई है उसमें तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6 गुना से भी ज्यादा आगे चल रहा है जबकि दलहन का रकबा 3 गुना आगे है।
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