वैश्विक तेल बाजार में आज से नई हलचल का दौर शुरू हो गया है। सोमवार से ईरान के तेल और वित्तीय क्षेत्र के लिए अब तक के सबसे कड़े अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो गए हैं।
भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने नवंबर माह के दौरान कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए ईरान को पहले ही अपना ऑर्डर जारी कर दिया है।
उपभोक्ताओं को दशहरा के त्योहार पर राहत देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन ईंधन की कीमतों में कटौती की है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार जारी बढ़ोतरी के बुधवार को थमने से उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली है।
अगले महीने की 4 तारीख से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के लागू होने से पहले भारत ने मंगलवार को कहा कि क्रूड ऑयल मार्केट की प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए कच्चे तेल की उपलब्धता कोई वजह नहीं है
नवंबर से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत को तेल की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
नवंबर से ईरान पर लागू होने वाले अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच तेल की बढ़ती कीमतों एवं अन्य मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक अहम बैठक कर रहे हैं।
तेल की कीमतों में वृद्धि फिलहाल रुकने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को भी पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि कर दी।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और वृद्धि कर दी है। दिल्ली में पेट्रोल 18 पैसे और डीजल 29 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
इस माह के शुरुआत में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमत में कटौती करना केवल एक बार उठाया गया कदम था
शनिवार को जहां दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 18 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की गई, वहीं रविवार को यह 14 पैसे और बढ़कर कीमत 81.82 रुपये पर पहुंच गई।
भारत ने अमेरिकी पाबंदी के बावजूद ईरान से तेल व्यापार का पहला स्पष्ट संकेत दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को तेल विपणन कंपनियों को उनकी दैनिक कामकाजी जरूरतों के लिए विदेशों से सीधे विदेशी मुद्रा उधार लेने की अनुमति दे दी है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि कृषि अवशेष, गोबर और स्थानीय निकायों के ठोस कचरे से बायो गैस सृजित करने के लिए 5,000 बायो गैस संयंत्र स्थापित करने की योजना है।
ईरान के विदेश मंत्री का कहना है कि अमेरिका की कोरी धमकियों के बावजूद तेहरान से भारत को किए जाने वाली तेल की बिक्री जारी रहेगी।
इस साल की शुरुआत में अमेरिका 2015 के ईरान परमाणु संधि से पीछे हट गया था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे।
भारत की रिफाइनरी कंपनियों को अगले माह के दौरान ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
ईरान को नवंबर से लागू होने जा रहे अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत जैसे बड़े ग्राहक से हाथ धोना पड़ सकता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पूर्वी अपटतीय इलाके कृष्णा-गोदावरी बेसिन के डी-6 ब्लॉक स्थित अपने एकमात्र तेल क्षेत्र को स्थायी तौर पर बंद कर दिया है।
ईरान से कच्चे तेल आयात संबंधी प्रतिबंध नवंबर से लागू हो जाने के बाद भारत अपने इस तीसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता देश को कच्चे तेल के लिए एक बार फिर से रुपये में भुगतान कर सकता है।
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