आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हम सरकार के साथ मिलकर अपने देश में विकास और मुद्रास्फीति की गतिशीलता को प्रबंधित करने का प्रयास करेंगे। गवर्नर ने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्रीय बैंक तेजी से दर कटौती के लिए पर्याप्त तरलता बनाए रखेगा।
इससे पहले RBI ने फरवरी में रेपो दर 0.25% घटाकर 6.25% कर दिया था। यह मई, 2020 के बाद पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला संशोधन था।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाने जाने से देश में सेवाएं देने वाले सभी बैंक भी लोन की ब्याज दरें घटा देंगे। जिससे आपका लोन सस्ता हो जाएगा और आपको हर महीने कम ईएमआई चुकानी होगी।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मिससेलिंग, डिजिटल धोखाधड़ी और आक्रामक वसूली प्रथाएं सहित अन्य क्षेत्रों में बैंकों को ग्राहक सेवा के दृष्टिकोण से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा करते समय बजट प्रावधानों सहित सभी कारकों पर विचार किया।
रुपये में इस साल अभी तक करीब 2 प्रतिशत की गिरावट आई है। 6 नवंबर, 2024 को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से डॉलर के मुकाबले रुपये में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि इस दौरान डॉलर इंडेक्स में 2.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अपनी आखिरी नीति घोषणा में दास ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.4% की आर्थिक वृद्धि दर और अक्टूबर में महंगाई के छह प्रतिशत से ऊपर जाने का हवाला देते हुए कहा था कि वृद्धि-महंगाई की गतिशीलता अस्थिर हो गई है।
राजस्थान के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास पावर, फाइनेंस और टैक्सेशन जैसे बड़े सेक्टरों में पब्लिक पॉलिसी में तीन दशक से भी ज्यादा एक्सपीरियंस है। हालांकि, संजय मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई के गवर्नर का पद संभाल रहे हैं, जब देश महंगाई के साथ-साथ सुस्त अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है।
घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ने कहा कि वह फरवरी में दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं करती है। इसने उल्लेख किया कि मल्होत्रा को नियुक्त करने का फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया, और यह दर्शाता है कि सरकार आरबीआई के शीर्ष पर किसी टेक्नोक्रेट के बजाय किसी नौकरशाह को रखने में सहज है।
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