कांग्रेस पार्टी से सांसद और यूपीए सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद ने 9 जून 2021 को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। आपको बता दें कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था। जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं। जितिन ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने संप्रग सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। फिर, उन्होंने साल 2020 में कांग्रसे छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली, जिसके बाद योगी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़