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Mangla Gauri Vrat 2023: सावन का पहला मंगला गौरी व्रत कब? इस मुहूर्त में करेंगे पूजा तो जमकर बरसेगी मां पार्वती की कृपा

Mangla Gauri Vrat 2023: एक तरफ जहां सावन का हर सोमवार भगवान शिव को समर्पित किया गया है, वहीं इस महीने के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है।

Sushma Kumari Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: July 04, 2023 10:49 IST
 Mangla Gauri Vrat 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Mangla Gauri Vrat 2023

 Mangla Gauri Vrat 2023: भोलेनाथ का प्रिय माह सावन को आने में बस अब कुछ ही दिन बचे हैं। शिव भक्तों को इस माह का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का खास महत्व है। इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से होने जा रही है और 31 अगस्त को इसका समापन होगा। यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो इस साल सावन 59 दिनों का होगा। पंचांग के अनुसार 19 साल बाद ऐसा खास संयोग बन रहा है, जिसमें पूरे महीने शिव और माता पार्वती दोनों की असीम कृपा प्राप्त होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में शिव जी के साथ-साथ इस महीने के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत 

रखने का भी विधान है? 

दरअसल, सावन माह के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत भी रखा जाता है।  हिंदू धर्म में इस व्रत का काफी महत्व होता है। कहा जाता है कि मंगला गौरी की पूजा करने से सभी परेशानियों से राहत मिलती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस व्रत को कुंआरी कन्याएं और सुहागन महिलाएं रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार जो महिलाएं इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्‍य की प्राप्ति होती है।  इतना ही नहीं ऐसी भी मान्यता है कि जिन महिलाओं को संतान नहीं होती यह व्रत रखने से उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। 

सावन का पहला मंगला गौरी व्रत कब?

पंचांग के अनुसार, सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई दिन मंगलवार को है। बता दें कि इस दिन से ही सावन माह का शुभारंभ हो रहा है। इस दिन माता गौरी, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उनको भी मंगला गौरी व्रत रखना चाहिए, इससे मंगल दोष दूर होगा। 

मंगला गौरी व्रत 2023 पूजा मुहूर्त

4 जुलाई को मंगला गौरी व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक है।

सावन का पहला मंगला गौरी व्रत है बेहद खास

सावन का पहला मंगला गौरी व्रत त्रिपुष्कर योग में है। मान्यताओं के अनुसार इस योग में पूजा-पाठ करने से तीन गुना अधिक फल मिलता है। बता दें कि इस दिन त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:38 बजे से अगली सुबह 05:28 बजे तक है। 

मंगला गौरी व्रत कब-कब? 

बता दें कि इस बार कुल 9 मंगला गौरी व्रत होने वाले हैं। आइए जानते हैं तारीख। 

  • पहला मंगला गौरी व्रत - 4 जुलाई 2023 
  • दूसरा मंगला गौरी व्रत - 11 जुलाई 2023
  • तीसरा मंगला गौरी व्रत -18 जुलाई 2023
  • चौथा मंगला गौरी व्रत - 25 जुलाई 2023
  • पांचवा मंगला गौरी व्रत - 1 अगस्त 2023
  • छठा मंगला गौरी व्रत - 8 अगस्त 2023
  • सातवा मंगला गौरी व्रत- 15 अगस्त 2023
  • आठवा मंगला गौरी व्रत - 22 अगस्त 2023
  • नौवां मंगला गौरी व्रत - 29 अगस्त 2023

मंगला गौरी व्रत का मंत्र 

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है। 

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