Monday, April 29, 2024
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Magh Month 2024: कब से शुरू हो रहा है माघ माह का कल्पवास? इसे क्यों किया जाता है और क्या हैं इसके नियम

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ का महीना बड़ा पवित्र होता है। इस माह के दौरान लोग कल्पवास करते हैं। यह सुनकर आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ये कल्पवास क्या होता है? तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं। साथ यह भी बताएंगे की ये कब से शुरू होने जा रहा है और इसमें किन नियमों का ध्यान रखना होता है।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: January 23, 2024 10:14 IST
Magh Month 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Magh Month 2024

Magh Month 2024: हिंदू धार्म में कल्पवास के दौरान साधक(कल्पवास का संकल्प लेने वाले लोग) संगम के तट पर पूरे एक माह के लिए निवास करते हैं और भगवान शिव की पूजा-वंदना करते हैं। कल्पवास का उद्देश्य चेतना की शुद्धि और उसका आत्म साक्षात्कार करना होता है। इसी के साथ जानिए ये कल्पवास कब से प्रारंभ होने जा रहा है और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना होता है।

कब से शुरू हो रहा कल्पवास

माघ माह का कल्पवास इस बार 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा वाले दिन से प्रयागराज में प्रारंभ होने जा रहा है। यह कल्पवास पूरे एक माह तक चलेगा। इस दौरान साधु-संत और आस्थावान लोग संगम के तट पर कुटिया बना कर तपस्वी की तरह रहते हैं और सांसारिक सुखों को कल्पवास के दौरान त्याग देते हैं।

कल्पवास करने वालों की श्रेणी

साधु-संत- कल्पवास हिंदू धर्म में अन्य अनुष्ठानों की तरह ही एर महत्वपूर्ण धार्मिक प्रक्रिया है। इसलिए साधु-संत इसके नियम का विधि विधान के अनुसार पालन करते हैं। इस कल्पवास के दौरान ये लोग ध्यान-साधना में लीन रहते हैं। इसी के साथ यह अपने शरीर और मन को शुद्ध करते हैं और आत्म साक्षात्कार के मार्ग पर आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं।

गृहस्थ- गृहस्थ जीवन जीने वाले भी कल्पवास करते हैं। जो लोग घर परिवार वाले होते हैं उनको गृहस्थ कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जब ये लोग अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभाल लेते हैं और इनकी आयु लगभग 50 वर्ष की हो जती है। तब ये लोग कल्पवास के दौरान कुछ समय के लिए जीवन का सांसारिक सुख त्याग कर आध्यात्मिक जीवन जीते हैं। ऐसा ये लोग इसलिए करते हैं की अंत में इन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो इस कामना से गृहस्थ लोग माघ माह में संगम के तट पर आकर रहने लगते हैं।

सामान्य लोग- जरूरी नहीं की सिर्फ साधु-संत ही कल्पवास करें। साधारण व्यक्ति भी कल्पवास कर सकते हैं। इनके कल्पवास करने का उद्देश जीवन में सुख-शांति को प्राप्त करना होता है।

कल्पवास के दौरान इन नियमों का रखें ध्यान

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल्पवास करने से पहले किसी योग्य गुरु से सलाह लेनी चाहिए और उनसे अनुमित मिलने के बाद ही कल्पवास का नियम पूर्वक पालन करना चाहिए।
  • कल्पवास के दौरान फलाहार करना चाहिए। इस दौरान किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन जैसे कि प्याज, लहसुन मास मदिरा आदि चीजों का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए।
  • जब तक कल्पवास का समय पूरा नहीं हो जाता है। तब तक कल्पवासी को नियमित रूप से ध्यान-साधना करते रहना चाहिए।
  • कल्पवास के दौरान सत्यवचन बोलना, इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना, प्राणियों के प्रति दया की भावना, कठोर ब्रह्मचर्य का नियम, ब्रह्म मुहूर्त में जागना और स्नान करना आदि चीजों का पालन करना होता है।

 कल्पवास का महत्व 

माघ माह में संगम के तट पर जो लोग कल्पवास करते हैं। उनको कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। कल्पवास करने से आत्मशुद्धि होती है, मोक्ष की प्राप्ति होती है, सभी पाप नष्ठ हो जाते हैं, जीवन सुखमय बन जाता है और व्यक्ति के आत्म ज्ञान की वृद्धि होती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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