Tuesday, March 19, 2024
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Raksha Bandhan 2022: इस बार दो दिन है रक्षाबंधन, जानिए 11 या 12 अगस्त किस दिन बांधनी है राखी?

Raksha Bandhan 2022 : इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 और 12 अगस्त को दोनों ही दिन मनाया जाएगा। आइये जानते हैं दोनों दिन के शुभ मुहूर्त।

Sushma Kumari Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: August 11, 2022 7:41 IST
Raksha Bandhan 2022- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Raksha Bandhan 2022

Highlights

  • रक्षाबंधन हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
  • ये त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का बंधन है।
  • इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 और 12 अगस्त को दोनों ही दिन मनाया जाएगा।

Raksha Bandhan 2022 : रक्षाबंधन हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ये त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का बंधन है। इस पवित्र दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र, यानि राखी बांधती हैं और भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि ये राखी भाई की रक्षा का प्रतीक है।  

इस बार दो दिन है पूर्णिमा

पंचांग के अनुसार,  सावन मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 12 अगस्त 2022 को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में लोग इस सोच में पड़ गए हैं कि रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जायेगा या फिर 12 अगस्त को। तो आपको बता दें कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 और 12 अगस्त को दोनों ही दिन मनाया जाएगा। आइये जानते हैं दोनों दिन का शुभ मुहूर्त।

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जानिए रक्षाबंधन 2022 का शुभ मुहूर्त 

ज्योतिष की मानें तो 11 अगस्त को दिन में भद्रा होने से राखी नहीं बांधी जा सकेगी। इस दिन भद्रा रात आठ बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा।  इसके बाद अगले दिन यानी 12 अगस्त को भी सुबह 7 बजकर 05 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। हालांकि इस समय भद्रा नहीं है। ऐसे में यदि आप 12 अगस्त को राखी बांधने की सोच रहें हैं तो सुबह 7 बजकर 5 मिनट से पहले ही राखी बांध दें। वहीं, ज्योतिष के अनुसार, 12 अगस्त का दिन शुभ है और इस दिन सौभाग्य योग भी बन रहा है। ऐसे में बहनें 12 को पूरे दिन राखी बांध सकती हैं।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और राक्षसों के बीच चल रहे युद्ध के दौरान इंद्र राजा बलि से हार रहे थे, तब इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने इंद्राणी को एक पवित्र धागा दिया, जिसे उन्होंने इंद्र की कलाई पर बांध दिया। इसके बाद युद्ध में इंद्र की विजय हुई। 

एक अन्य कथा के अनुसार, महाभारत में जब भगवान कृष्ण शिशुपाल का वध करने के लिए चक्र चलाया तो इस दौरान उनकी अंगुली कट गई थी। तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर भगवान की अंगुली पर बांध दिया था।  तब कृष्ण ने द्रौपदी को सदैव रक्षा करने का वचन दिया था। तभी से ही राखी का पर्व मनाया जाने लगा। कहा जाता है कि यह घटना सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को हुई थी। 

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राखी बांधते समय करें इस मंत्र का जाप

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: 

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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