इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा गाजा में अल्प युद्धविराम की मांग को खारिज कर दिए जाने के बाद अब अमेरिका ने भी अपना रुख बदल लिया है। अमेरिका ने अरब नेताओं द्वारा युद्धविराम का दबाव मानने से इन्कार कर दिया है। जबकि पहले अमेरिका भी इजरायल पर युद्ध विराम का दबाव बना रहा था।
अमेरिकी विदेश मंत्री इजराइल की राजधानी तेल अवीव पहुंचे। यहां उन्होंने इजराइल हमास जंग पर बड़ा बयान दिया है। ब्लिंकन ने कहा कि 'मैं इस बात पर भी जोर देता हूं कि न केवल नागरिकों की सुरक्षा होनी चाहिए गाजा में, बल्कि वेस्ट बैंक में भी।
इजराइल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। इसी बीच इजराइल ने दोहराया है कि हमास के खात्मे तक इजराइल नहीं रुकेगा। उधर, हमास के नेता ने भी इजराइल को खत्म करने की धमकी दे डाली है। जानिए पूरा मामला।
भारत और अमेरिका की दिल्ली में होने वाली "टू प्लस टू वार्ता" से पाकिस्तान और चीन में खलबली है। अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयल ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इस वार्ता के लिए दिल्ली आ रहे हैं। वह भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक साथ वार्ता करेंगे।
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद अमेरिकी यात्रा पर हैं। उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से द्विपक्षीय वार्ता भी की। इस दौरान व्यापार, निवेश समेत खाद्य सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग मांगा।
अमेरिका और चीन के बीच तनातनी जाहिर है। दक्षिण चीन सागर से लेकर इजराइल हमास जंग और रूस यूक्रेन युद्ध तक चीन और अमेरिका के संबंधों में मतभेद हैं। इन सबके बीच चीनी और अमेरिकी विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की है।
इजराइल और हमास की जंग पर UNSC में आयोजित मीटिंग में अमेरिका भड़क गया है। अमेरिका ने इजराइल का पक्ष लेते हुए दुनिया में फैले हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है। साथ ही आतंकवादियों को मदद करने वाले देशों को भी आड़े हाथों लिया।
इजरायल और हमास के बीच बीते 2 हफ्तों से जंग लगातार जारी है। इजरायल के दावे के अनुसार, उसके 200 से अधिक नागरिक अब भी हमास के आतंकियों के बंधक हैं। वहीं, इस मुद्दे पर UNSC में भी तीखी बहस देखने को मिली है।
इजराइल और हमास में जंग के बीच जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल आए थे, उस दौरान ब्लिंकन और इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच मीटिंग चल रही थी। तभी हमले का सायरन बजा और दोनों को पांच मिनट के लिए बंकर में छिपना पड़ा।
अमेरिकी विदेश मंत्री सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने इजरायल और हमास के मामले पर कहा कि हमास एक आतंकी संगठन है जिसका एकमात्र मकसद है इजरायल को खत्म करना और यहूदियों की नृशंस हत्या करना।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल पहुंचे। यहां संयुक्त बयान में उन्होंने इजराइल को मदद का भरोसा दिया है। वहीं इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जिस तरह आईएसआईएस को खत्म किया है, वैसे ही हमास को भी खत्म किया जाएगा।
मुसीबत के समय इजराइल को अपने सबसे बड़े दोस्त अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल पहुंच रहे हैं। इससे पहले उन्होंने स्पष्ट किया कि इजराइल जो मदद मांगेगा, उसे वो मदद दी जाएगी। इसी बीच हथियारों से भरा अमेरिकी विमान भी इजराइल पहुंच गया है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से आज मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के प्रमुख परिणामों और भारत-मध्य के निर्माण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। पूर्वी-यूरोप आर्थिक गलियारा की पारदर्शी, टिकाऊ और उच्च-मानक बुनियादी ढांचा निवेश उत्पन्न करने की क्षमता पर भी बात हुई।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो द्वारा भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाए जाने के बाद एस जयशंकर और एंटनी ब्लिंकन की पहली मुलाकात होने जा रही है। भारत और अमेरिका के विदेशमंत्रियों की मुलाकात में कनाडा के साथ विवाद का मुद्दा उठ सकता है।
भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद पर पश्चिमी देश फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। वह कनाडा और भारत दोनों के साथ अपने संबंधों को बिगाड़ना नहीं चाहते। जबकि कनाडा के पीएम कई बार पश्चिमी देशों पर भारत के खिलाफ बोलने का दबाव बना चुके हैं। मगर पश्चिमी देशों ने भारत से सिर्फ जांच में सहयोग करने की बात कही है।
भारत और अमेरिका के संबंध बीते कुछ समय से काफी बेहतरीन हो गए हैं। हाल ही में भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पीएम मोदी के साथ बैठक की थी।
रूस ने यूक्रेन पर बड़ा भीषण हमला किया है। इसमें करीब 16 लोगों की मौत हो गई और 28 घायल हो गए हैं। यह हमला उस वक्त हुआ, जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन यूक्रेन को 1 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त रक्षा सहायता देने के लिए कीव में थे।
पाकिस्तान के साथ अमेरिका अब हर कदम फूंक-फूंक कर उठाना चाहता है। क्योंकि उसे भारत के साथ अपने संबंधों के बिगड़ने का खतरा भी सता रहा है। इस बीच पाकिस्तान की कैबिनेट ने नए सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी है। मगर अमेरिका इस पर आगे बढ़ने से पहले भारत के साथ संबंधों का आकलन कर रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध और ताइवान पर तनाव के बीच अमेरिका और चीन में अचानक शुरू हुआ दोस्ती का नया अध्याय हर किसी को चौंकाने वाला है। साथ ही यह रूस को चौकन्ना करने वाला भी है। अमेरिका और चीन के बीच अचानक बढ़ रही यह नजदीकी यूं ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुछ न कुछ गुप्त डील हो सकती है, जो रूस के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
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