#Budget2017: एक्सपर्ट्स ने बजट से पहले एस्ट्रा माइक्रो, प्रेस्टीज एस्टेट, रैमको सीमेंट्स, स्टरलाइट टेक और VST टीलर्स में निवेश की सलाह दी है।
मोदी सरकार ने बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के योजना बनाई है। इसका ऐलान एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में हो सकता है।
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि पांच लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त पर पैन के उल्लेख की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए।
बजट उम्मीदों और सौगातों से भरा होगा। जीडीपी में सबसे अधिक योगदान एवं रोज़गार प्रदान करने वाले रियल एस्टेट सेक्टर को भी इस साल के बजट से काफी उम्मीदें हैं।
नोटबंदी के मद्देनजर बीमा उद्योग ने आगामी आम बजट में अधिक कर छूट, ई-भुगतान पर ध्यान दिए जाने तथा अनिवार्य आवास बीमा जैसे कदमों की उम्मीद जताई है।
उद्योग जगत का कहना है कि कंपनी कर की दर मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर देनी चाहिए। अधिभार और उपकर सहित कर की दर 25% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
वित्त मंत्रालय ने विभागों से चौथी तिमाही में अधिक व्यय से बचने और चालू वित्त वर्ष के लिये आबंटित बजट के दायरे में रहने को कहा है। मनरेगा को अलग रखा गया है।
नरेंद्र मोदी सरकार इस बजट में गरीबों और बेरोजगारों को हर महीने 1500 रुपए देने का ऐलान कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार की इसकी घोषणा बजट में कर सकती है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप कंपनियों को बजट में अतिरिक्त कर लाभ दिए जाने की संभावना का संकेत दिया है।
जहां ज्यादातर बैंकों के ATM में अब भी पैसे नहीं हैं वहीं सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि 1 महीने में ATM से फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा घटा कर 1 कर दी जाए
वित्त मंत्री 2017-18 के बजट में कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती कर सकते हैं। नोटबंदी के दौरान हुई परेशानी के मद्देनजर वित्त मंत्री यह कदम उठा सकते हैं।
सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैश टैक्स लगाने की योजना बना रही है। इससे बैंक अकाउंट से एक तय सीमा से अधिक कैश निकालने पर यह टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्रालय के तहत वित्त आयोग ने विभिन्न मंत्रालयों के पिछले साल के 2.11 लाख करोड़ रुपए व्यय वाले 29 निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
इस साल 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (सीसीपीए) की मंगलवार को हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया।
मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। साथ ही बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए।
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