उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्तियों, गहनों, शेयर, मियादी जमा राशि, बैंक में जमा रकम (नकदी) पर आगामी बजट में कर लगाया जा सकता है।
बैंकों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री जेटली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में क्षेत्र के कई उपायों की घोषणा करेंगे और ऋण वृद्धि को प्रोत्साहन देने के उपाय होंगे।
नोटबंदी के मद्देनजर बीमा उद्योग ने आगामी आम बजट में अधिक कर छूट, ई-भुगतान पर ध्यान दिए जाने तथा अनिवार्य आवास बीमा जैसे कदमों की उम्मीद जताई है।
नोटबंदी के बाद चूंकि सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ा है इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि बजट में आयकर की दरों में कटौती, टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी करेगी।
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