आईटीओ के करीब घायल जवानों के घरवालों का प्रदर्शन जारी, दंगाइयों से हमदर्दी..जवानों पर क्यों चुप्पी?
26 जनवरी को दिल्ली में जो कोहराम मचा.। उसे लेकर अब बहुत बड़ा खुलासा हुआ है.। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जांच में दंगे में खालिस्तानी हाथ होने के सबूत मिले हैं
26 जनवरी हिंसा मामले में 15 और लोग हिरासत में लिए गए..दिल्ली पुलिस कर रही है पूछताछ
गुरुवार को हरियाणा और यूपी के साथ दिल्ली की सीमाओं पर तनाव बढ़ गया, जहां किसान कृषि कानून के खिलाफ दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सिंघु और गाजीपुर सीमाओं पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई | पुलिस ने किसानों को विरोध स्थल को स्वेच्छा से खाली करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए चेतावनी दी।
सीआरपीसी की धारा 133 (उपद्रव हटाने के सशर्त आदेश) के तहत उन्हें (किसानों को) एक नोटिस दिया गया है। दूसरी तरफ सिंघु बॉर्डर पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। यह उम्मीद की जा रही है कि आज रात विरोध स्थल को खाली करा दिया जाएगा।
एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के साथ छेड़खानी से निपटने के प्रावधानों के तहत जांच की जा रही है। भारत के साथ-साथ देश से बाहर के संगठनों और व्यक्तियों की भूमिका और आचरण की जांच की जा रही है: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने 35 से ज्यादा आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। दिल्ली पुलिस ने लुक आउट नोटिस इसलिए जारी किया है ताकि कोई भी आरोपी देश छोड़कर भाग न सके।
दिल्ली पुलिस कमिश्चर ने किसान रैली में हुई हिंसा पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होनें जानकारी देते हुए कहा कि 2 जनवरी को हमें किसान ट्रैक्टर रैली की जनकारी मिली थी। टैक्टर रैली की जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से बात की। रैली के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक का समय तय हुआ लेकिन 26 जनवरी को सुबह आठ बजे ही कई बॉर्डर से बैरिकेडिंग तोड़कर भीड़ दिल्ली के अंदर घुस गई।
दिल्ली के कई इलाकों में हजारों प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर बैरिकेड्स तोड़कर ऐतिहासिक लाल किले पर धावा बोल दिया। किसानों ने पूर्व-निर्धारित मार्गों से भटक कर, सुरक्षा कर्मियों को लाठीचार्ज का सहारा लेने और आंसू गैस का उपयोग करने के लिए उकसाया।
दंगे पर दिल्ली पुलिस के जवान Exclusive
इंडिया टीवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में किसान यूनियन के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि दिल्ली पुलिस के हस्तक्षेप तक ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण थी।
दिल्ली पुलिस और किसान यूनियन आखिरकार गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के लिए शर्तों पर एकमत हो गए हैं। पुलिस ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ट्रैक्टर रैली के मार्ग के साथ 2,500 स्वयंसेवकों को नियुक्त करने के लिए किसानों की यूनियनों को भी बताया है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के सुगम मार्ग और राष्ट्रीय राजधानी में कुछ सड़कों पर आवागमन को सुगम बनाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
दिल्ली सचिवालय में सोमवार सुबह आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झंडा ने फहराया। इस मौके पर उन्होंने बेहतर सेवा देने वाले जेल सहित कुछ अधिकारियों को सम्मानित भी किया। इसके बाद जनता को संबोधित किया।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली जाने वाली किसान ट्रैक्टर रैली पर पाकिस्तान की गंदी नजर है। दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान के नापाक इरादों का खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने बताया कि पाकिस्तान से किसान ट्रैक्टर रैली को निशाना बनाने की साजिश हो रही है। उन्होंने बताया कि किसान ट्रैक्टर रैली में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान में बनाए गए 308 ट्विटर हैंडल मिले हैं, जो भ्रम फैला रहे हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 26 जनवरी के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी है। ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि गणतंत्र दिवस परेड विजय चौक से सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी।
दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाज़त मिल गई है। जितने भी साथी अपनी ट्रोलियां लेकर बैठें है। मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रोलियां न लेकर आएं: योगेंद्र यादव
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली को अनुमति मिलने के बाद किसानों के संगठनों ने आज अपना रूट प्लान पुलिस को सौंप दिया है।
26 जनवरी पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर स्थिति साफ हो गई है। दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच 26 जनवरी पर परेड निकालने को लेकर सहमति बन गई है।
किसान संगठनों की गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के विरोध में लगाई गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पायी है। आज सुनवाई शुरू होते ही CJI ने दिल्ली पुलिस को कहा गया कि ये मामला लॉ एंड आर्डर का है, इस मामले से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस के सारे अधिकार हैं, इसके बारे में फैसला पुलिस लेगी। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली में किसे प्रवेश देना चाहिए इस बारे में फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस को है।
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