इंडोनेशिया के तिमोर आइलैंड में गुरुवार को भूकंप के जोरदार झटके लगे जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है।
बुधवार की शाम को अंडमान द्वीप समूह पर भी तेज भूकंप के झटके देखने को मिले हैं। इस भूकंप के कारण लोगों के बीच दहशत का माहौल है।
जम्मू-कश्मीर में अब से करीब 50 मिनट पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप ऐसे वक्त में आया, जब लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे। अचानक धरती डोलती महसूस हुई तो लोग घरों से निकल कर बाहर की ओर भागे। हालांकि अभी तक इस भूचाल में नुकसान की कोई खबर नहीं है।
अफगानिस्तान में रविवार की सुबह एक बार फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता 6.5 बताई जा रही है। भूकंप महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल भागे।
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इस कारण भूकंप आता है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बीते कुछ समय से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। ये किसी बड़े खतरे की ओर भी इशारा कर रहे हैं। अब सोमवार को भी जिले में भूकंप आया जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
न्यूजीलैंड में भूकंप से धरती कांप उठी है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.6 मापी गई है। भूकंप से फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है। मगर लोगों में दहशत बैठ गई है।
मोरक्को में आए भीषण भूकंप में 2900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और संसाधनों की कमी की वजह से मलबे में फंसे लोगों को निकालने में दिक्कत हो रही है।
बीते कुछ समय से दुनिया ही नहीं बल्कि भारत के भी कई हिस्सों में भूकंप के मामले लगातार देखने को मिल रहे हैं। भूकंप का मामला फिर से सामने आया है।
अफ्रीकी देश मोरक्को में इस वक्त भूकंप से लगातार नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, अब दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में भी भूकंप की खबर है।
मोरक्को के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 2000 की संख्या को पार कर गया है। मोरक्को के गृहमंत्रालय के अनुसार अब तक 2012 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इस दुखद प्राकृतिक हादसे में 2000 से ज्यादा लोग घायल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मलबे में अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है।
चिली में आए 6.2 तीव्रता के भयानक भूकंप से लोग दहशत में आ गए। उत्तरी चिली में लोग रोजाना की तरह अपने दैनिक कार्यों में जुटे थे। सुबह करीब आठ बजकर 48 मिनट पर अचानक धरती कांपने लगी। इससे सभी डर कर अपनी जान बचाने को घरों से बाहर निकल कर भागे। हालांकि कुछ ही मिनट में झटके थम गए। इसके बाद भी लोगों में दहशत कायम रही।
अफगानिस्तान में आज सुबह 7 बजकर 8 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस कारण लोग सहम उठे और घरों से बाहर की ओर भागने लगे।
रात 8 बजकर 4 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र धरती के 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है। भूकंप से दहशत में आए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
तेलंगाना के वारंगल में सुबह-सुबह भूकंप से धरती कांप उठी। हालांकि भूकंप से किसी जान-माल की हानी नहीं हुई है। इस भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है।
सुबह-सुबह आए भूकंप के झटके के कारण लोग खौफ में आ गए। सभी अपने घरों से बाहर की ओर भागे। भूकंप से इलाके के कई घरों की दीवार पर दरारे भी आ गई हैं।
प्राकृतिक आपदाओं ने लगता है चीन का पीछा कर लिया है। बाढ़, सूखे और भीषण गर्मी की मार झेल रहे चीन पर भूकंप नई आपदा लेकर आया है। शनिवार को रात दो बजे के बाद आए 5.5 तीव्रता के भूकंप में 126 चीनी इमारतें ढह गई हैं। 21 लोग आरंभ में घायल बताए जा रहे हैं।
अर्जेंटीना में रविवार को भूकंप से धरती कांप उठी है। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 मापी गई है। भूकंप का झटका इतना तेज था कि इसका असर चिली तक महसूस किया गया है। भूकंप के बाद लोग अपने घरों से निकलकर बाहर खुले स्थान में चले गए। खबर लिखे जाने तक किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं थी।
सोमवार को एंटीगुआ और बारबुडा भी तेज भूकंप के शिकार हो गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 आंकी गई है।
पहले अफगानिस्तान और उसके बाद भारत व पाकिस्तान की धरती भूकंप से कांप उठी है। अफगानिस्तान में भकूंप ऐसे वक्त में आया, जब रात 12.10 बजे लोग अपने घरों में सो रहे थे। जबकि भारत और पाकिस्तान के लोगों की नींद खुलते ही सुबह 5.38 बजे भूकंप ने दस्तक दे दी। इससे तीनों ही देशों में भूकंप से अफरातफरी और दहशत का माहौल रहा।
संपादक की पसंद