देश में लगातार दो साल से सूखे के बावजूद सरकारी अनुमान के मुताबिक देश में 2015-16 (फसल वर्ष) के दौरान अनाज उत्पादन बढ़कर 25.31 करोड़ टन पहुंच सकता है।
रामविलास पासवान ने कहा कि अप्रैल तक लगभग पूरा देश राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आ जाएगा। कानून को लागू करने के लिए तेजी से काम हो रहा है।
विभिन्न राज्यों में सूखे और बेमौसमी बारिश के चलते 2015 किसानों (खेतीबाड़ी) के लिए कठिन साल रहा। इस दौरान अनेक किसानों ने आत्महत्या तक की।
भारत ने डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय वार्ताओं में अपना रूख कड़ा करते हुए एग्रीकल्चर ड्राफ्ट पर आपत्ति जताई है। ग्रेन भंडारण खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत को अपनी बढ़ती मांग पूरी करने के लिए 2050 तक सालाना खाद्य उत्पादन बढ़ाकर 33.3 करोड़ टन करने की जरूरत है जो वर्तमान में 25.2 करोड़ टन के आसपास है।
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