Gold Import में चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में इजाफा देखने को मिला है। अप्रैल से दिसंबर के बीच ये करीब 36 अरब डॉलर रहा है।
2023-24 की पहली छमाही में सोने की कीमतें अपेक्षाकृत स्थिर थीं, हालांकि एक साल पहले की समान अवधि की औसत कीमतों की तुलना में यह 14 प्रतिशत ज्यादा थीं।
अगले दो महीनों में धनतेरस, त्योहार और शादी के सीजन का असर कीमतों पर पड़ेगा। कारोबारियों को बिक्री को लेकर काफी उम्मीदें है। आभूषणों की मांग (Gold Demand in India) सात प्रतिशत बढ़कर 146.2 टन से 155.7 टन हो गई।
सोने की कीमत में डिमांड का भी अपना रोल है। भारत जैसे देश में सोना संस्कृति का हिस्सा है। शादियां भारत में सालाना सोने की डिमांड का लगभग 50 प्रतिशत पैदा करती हैं।
त्योहारी सीजन में सोना हर व्यक्ति खरीदना चाहता है। कीमत अधिक होने के कारण बहुत कम लोग ही ऐसा कर पाते हैं। आज हम अपने इस आर्टिकल में सोना खरीदने के तीन सबस सस्ते विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं।
Gold Buyers and Sellers: सोने के नए हॉलमार्क वाले नियम में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। इससे आम जनता से लेकर गोल्ड सेल करे वाले दुकानदारों पर भी असर पड़ेगा। आइए पूरा मामला जानते हैं।
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शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन सोने में तेजी आई। स्थानीय ज्वैलर्स की खरीदारी बढ़ने से सोने की कीमत 150 रुपए उछलकर 29,850 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गई।
शादी-विवाह की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से खरीदारी बढ़ने से आज सर्राफा बाजार में सोने में 225 रुपए का उछाल आया।
आयकर जांच के दौरान विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तथा पुरूषों के पास उपलब्ध 100 ग्राम तक के गोल्ड की ज्वैलरी की जब्ती नहीं।
आयकर जांच के दौरान विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तथा पुरूषों के पास उपलब्ध 100 ग्राम तक के गोल्ड के आभूषणों की जब्ती नहीं।
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