जावेद अख़्तर बताते हैं कि साहिर साहब की एक अजीब आदत थी, वो जब परेशान होते थे तो पैंट की पिछली जेब से छोटी सी कंघी निकलकर बालों पर फिराने लगते थे। जब मन में कुछ उलझा होता था तो बाल सुलझाने लगते थे। उस वक्त भी उन्होंने वही किया।
गीतकार, फिल्मकार, कवि और लेखक गुलजार का 83वां जन्मदिन है। हिन्दी सिनेमा जगत में फिल्म ‘बंदिनी’ से अपने गीत लेखन की शुरुआत करने वाले गुलजार आज अपनी जिंदगी के 83 साल पूरे कर चुके हैं। उनकी अब तक की यात्रा पर अगर नजर डाली जाए तो उसमें एक ऐसे...
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