लद्दाख में सीमा पर तनाव कम करने को लेकर भारत और चीन के बीच हुई कमांडर स्तर की छठे दौर की बात में तय हुआ है कि दोनों देश सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों का जमावड़ा नहीं करेंगे। मंगलवार को भारतीय सेना की तरफ से जारी किए गए बयान में यह जानकारी दी गई है। सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच 21 सितंबर को हुई कमांडर स्तर की बातचीत में तय हुआ है कि दोनों तरफ से सीमा पर और सैनिक भेजना रोका जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-चीन के बीच एलएसी पर जारी विवाद को लेकर राज्यसभा में बोल रहे हैं।
गृह मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के दिए गए लिखित जवाब में यह जानकारी दी गई है। प्रश्न में गृह मंत्रालय से भारत-चीन तथा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर घुसपैठ की जानकारी मांगी गई थी
किरेन रिजिजू ने कहा है कि चीन की PLA ने कहा है कि शनिवार को पांचों भारतीय नागरिक भारतीय सेना को सौंप दिए जाएंगे। करीब 6 दिन पहले यह खबर आई थी कि चीन की PLA 5 भारतीय नागरिकों को उठा ले गई थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी सकमक्ष वांग यी की बीच रूस की राजधानी मास्को में वार्ता खत्म हो गई है।
लद्दाख में LAC पर तनाव जारी है। दोनों देशों की सेनाएं लंबे समय से एलएसी पर आमने सामने है। इस बीच भारतीय सेना ने Pangong Tso झील के फिंगर 4 एरिया में चीन को बड़ा झटका दिया है।
सेना ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।’’
यह सड़क सुरक्षा बलों को रणनीतिक संपर्क प्रदान करेगी क्योंकि यह पड़ोसी देशों की सेना की नजरों से दूर होगी। दो अन्य सड़कें- श्रीनगर-कारगिल-लेह रोड और मनाली सरचू-लेह रोड अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब हैं, जिससे दुश्मन के लिए उन पर निगरानी रखना आसान हो जाता है।
भारत और चीन के बीच सीमा पर भले ही तनाव हो और दोनो देशों की सेनाएं एक दूसरे के आमने सामने हों, लेकिन इसके बावजूद चीन के नागरिकों के प्रति भारतीय सैनिकों का मानवीय व्यव्हार सबका दिल जीत रहा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को भारत-चीन सीमा विवाद के हल को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि वह ‘पूरी तरह से सहमत’ हैं कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा।
चीन के साथ सीमा विवाद के कारण बने तनाव के बीच अब भारत ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नेपाल से सटे बॉर्डर और भूटान से लगी सीमा पर ITBP और SSB की तैनाती को बढ़ा दिया है।
चीन की पीएलए ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 'ब्लैक टॉप' और 'हेलमेट' के नजदीकी क्षेत्रों में सैन्य तैनाती बढ़ाने के बाद यथास्थिति को बदलने के प्रयास में घुसपैठ की थी।
पानी के भीतर अपनी युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की परमाणु हमला करने की क्षमता वाली छह पनडुब्बी समेत 24 नयी पनडुब्बी खरीदने की योजना है। नौसेना के पास वर्तमान में 15 पारंपरिक पनडुब्बी और दो परमाणु संपन्न पनडुब्बी हैं।
पैंगॉन्ग झील के पास, चीन ने फिंगर-5 और 8 के पास अपनी स्थिति काफी मजबूत की है और भारत इस कदम का जोरदार विरोध करता रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) ने मई के बाद से फिंगर-4 से फिंगर-8 तक कई तरह के निर्माण किए हैं और इस 8 किलोमीटर की पट्टी से पूर्व की तरफ हटने से उसने इनकार कर दिया है।
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों पर भी विचार हो रहा है।
शीर्ष सैन्य कमांडरों ने भी अपने फिल्ड कमांडरों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी घटना या कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए कहा है। पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना के जवानों को लंबे समय तक इस तनातनी के तैयार रहने के लिए कहा गया है।
राफेल फाइटर जेट LAC से करीब 1800 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में हुंकार भर रहे हैं। रात के अंधेरे में राफेल की सफल लैंडिंग की ट्रेनिंग चल रही है।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अधिकतर स्थानों से सेना को पीछे हटा लेने के चीन के दावे पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
पूर्वी लद्दाख के चुशूल में कल (14 जुलाई, मंगलवार) भारत और चीन के बीच कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता होगी।
जयशंकर ने इंडिया ग्लोबल वीक में एक वीडियो संवाद सत्र में कहा, ‘‘हमने सैनिकों के पीछे हटने की जरूरत पर सहमति जताई है क्योंकि दोनों पक्षों के सैनिक एक दूसरे के बहुत करीब तैनात हैं। इसलिए पीछे हटने और तनाव कम करने की प्रक्रिया पर सहमति बनी है।’’
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