इजरायली सेना ने रविवार और सोमवार को भी लेबनान पर हमले जारी रखा। वहीं हिजबुल्लाह ने भी रॉकेट हमले से जवाब दिया। हिजबुल्लाह चीफ नसरल्ला ने कहा कि उनका समूह "संख्या और गुणवत्ता में अपने संचालन को विकसित करना जारी रख रहा है"। वह इजरायलियों को घर नहीं लौटने देगा।
रफाह के अंदर, डब्ल्यूएफपी के साथ साझेदारी करने वाले केवल दो संगठन अभी भी सामग्री वितरित कर पा रहे हैं और शहर में कोई बेकरी संचालित नहीं हो रही है। उन्होंने कहा, "इलाका छोड़ने के आदेशों, विस्थापन और खाद्य सामग्री की कमी के कारण ज्यादातर रसद वितरण रुक गया है। स्थिति लगातार अस्थिर होती जा रही है।
इजराइल ने रफह शहर को हमास का अंतिम गढ़ बताया है। इजराइल की तरफ से यह भी कहा गया है कि सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी। रफह से लोगों का पलायन जारी है।
इजराइल हमास को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रहा है। रफह शहर पर इजराइल कभी भी हमला कर सकता है। इजराइल ने अब इसे लेकर नया आदेश भी जारी किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा मे फलस्तीन को पूर्ण सदस्य बनाने को लेकर मतदान हुआ है। इजराइल ने इसे लेकर नाराजगी जताई है। इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए हैं।
अमेरिका ने आशंका जताई है कि इजराइल ने गाजा में अंतरराष्ट्रीय कनूनों का उल्लंघन कर उसके हथियारों का इस्तेमाल किया है। अमेरिका के इस रुख से साफ है कि दोनों देशों के बीच फिलहाल संबंध सामान्य नहीं हैं।
रफह शहर पर इजराइल सेना की ओर से भीषण हमला किया जा सकता है। इस हमले के डर से लोग रफह शहर छोड़ने को मजबूर हैं। शहर में भोजन और ईंधन की सप्लाई भी बाधित है।
इजरायल ने अमेरिका के अनुरोध को ठुकराते हुए गाजा के दक्षिणी रफाह शहर पर भीषण हमला कर दिया है। इसमें कम से कम 12 लोगों के मारे जाने की खबर है। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रफाह पर हमला करने पर हथियार आपूर्ति नहीं करने की चेतावनी दी थी।
रफाह पर हमले के खिलाफ जो बाइडेन के कड़े रुख के बाद भी इजरायल अपनी जिद पर अड़ा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कह दिया है कि हमास के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि हमास के खिलाफ हमें अकेला लड़ना पड़ा तो भी हम तैयार हैं।
अमेरिका में फलस्तीन समर्थक छात्रों के विरोध प्रदर्शन का असर ब्रिटेन पर भी नजर आ रहा है। ब्रिटेन इजराइल विरोधी प्रदर्शनों को लेकर सतर्क हो गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस मामले पर सरकार का रुख साफ कर दिया है।
इजरायली सेना के रफाह पर नियंत्रण के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस शहर पर गाजा की तरह भीषण हमले की आशंका है। इजरायली सेना ने रफाह को खत्म करने का ऐलान भी किया है। लिहाजा बाइडेन ने कहा कि अगर इजरायल अब रफाह पर हमले करता है तो अमेरिका उसकी मदद नहीं करेगा।
अमेरिका ने इजराइल को गोला बारूद की सप्लाई रोक दी है। अमेरिका के इस कदम से साफ हो गया है कि फिलहाल अमेरिका और इजराइल के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं। दोनों देशों के बीच संबंध खराब होते हुए नजर आ रहे हैं।
इजराइल की सेना हमास के आतंकियों के लिए काल बनी हुई है। जंग के वक्त में अब इजराइल की सेना ने बड़ा कदम उठाया है। इजराइल ने केरेम शालोम क्रॉसिंग को फिर से खोल दिया है।
इजरायली सेना की ओर से रफाह पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया गया है। अब आइडीएफ के टैंक रफाह में गरजने लगे हैं। अमेरिका को आशंका है कि इजरायल उसकी इच्छा के विपरीत रफाह में हमले कर सकता है। ऐसे में अमेरिका ने इजरायल को दी जाने वाली बमों की बड़ी आपूर्ति रोक दी है।
रफाह पर नियंत्रण के बाद इजरायल ने कहाकि जिस संघर्ष विराम प्रस्ताव पर हमास सहमत हुआ है, वह उसकी "मुख्य मांगों" को पूरा नहीं करता है। उसने हालांकि कहा कि वह बातचीत जारी रखने के लिए मिस्र में एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। मिस्र के एक अधिकारी ने कहा कि हमास और कतर के प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को काहिरा पहुंचे।
इजराइल रफह पर हमले से पहले जमीनी हालात पर अपना नियंत्रण स्थापित कर रहा है। इसी क्रम में इजराइली सेना ने रफह क्रॉसिंग के गाजा की ओर के हिस्से पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
इजराइल किसी भी वक्त रफह शहर पर जमीनी हमला कर सकता है। इजराइल के इस सैन्य अभियान को नेताओं की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है। फिलहाल इजराइल और हमास के बीच सीजफायर पर कोई स्पष्ट स्थिति बनती हुई नहीं दिख रही है।
हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया ने कतर के प्रधानमंत्री और मिस्र के खुफिया मामलों के मंत्री को बता दिया है कि वह उनके युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमत होने के बारे में जानकारी दी है। हालांकि, इजरायल इस समझौते पर सहमत नहीं है।
इजराइल और हमास के बीच जंग और घातक रूस से बढ़ने के आसार है। इजराइल ने रफह पर जमीनी हमला करने की तैयारी शुरू कर दी है। इजराइल की सेना ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
फलस्तीन समर्थकों का विरोध प्रदर्शन अमेरिका में मंद पड़ता जा रहा है। पुलिस के सख्त एक्शन की वजह से अब छात्रों के तंबू उखड़ने लगे हैं। अब तक पुलिस ने विरोध प्रदर्शन में शामिल 2,500 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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