जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए हमले की पृष्ठभूमि में उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि शैक्षिणक संस्थानों को सफल बनने की राह में घृणा एवं हिंसा की राजनीति की शरणस्थली नहीं बनना चाहिए।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार यानी पांच जनवरी को हुई हिंसा की परतें खोलने के लिए सबूत जुटाने में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को कड़ाके की ठंड में भी 'पसीना' आ रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर से सोमवार को जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं निश्चित रूप से आपको बता सकता हूं कि जब मैं जेएनयू में पढ़ता था, हमनें वहां कोई ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग नहीं देखा।”
सूत्रों के अनुसार एक यूनिट इस वक़्त JNU कैंपस में मौजूद है, जो कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इक्कठा करने पहुंची है, जोकि हिंसा की जांच में अहम सबूत होंगे।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार की हिंसा में अंदर के लोग शामिल थे, या बाहरी लोग? इस सवाल का जबाब दिल्ली पुलिस और उसकी अपराध शाखा तलाशने में जुटी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) हमले की तुलना 26/11 मुंबई आतंकी हमले से करते हए कहा कि देश में छात्र असुरक्षित महसूस कर रहे हैं...
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा की निंदा करते हुए सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए।
JNU प्रशासन को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से संबद्ध छात्रों ने उसके सदस्यों पर “निर्ममता” से हमला किया।
राजधानी नई दिल्ली स्थित JNU कैंपस में रविवार को जमकर बवाल हुआ। इस दौरान ABVP और AISA के जुड़े छात्रों के बीच मारपीट हुई। इस मारपीट में दोनों पक्ष के कई छात्र घायल हो गए हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने होस्टल शुल्क में वृद्धि के विरोध में बुधवार को एक दिन का अनशन शुरू किया।
क्या जेएनयू का हल आज निकल पाएगा? मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 3 सदस्यीय हाईपॉवर कमेटी शांति बहाली और हालात सामान्य करने का रास्ता निकालने के लिए आज छात्रों से बातचीत करने वाला है।
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में बारू ने कहा, ‘‘ऐसे समय जब हम तकरीबन हर साल विदेशों में पढ़ रहे भारतीयों पर लगभग छह अरब डॉलर खर्च कर रहे हैं, सरकारी विश्वविद्यालयों को बचाना बेहद जरूरी है।’’
महाराष्ट्र में जैसे-जैसे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की साझा सरकार बनने के आसार बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे शिवसेना का केन्द्र सरकार पर हमला भी बढ़ता जा रहा है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ाने और इसके खिलाफ आंदोलन की गूंज अब संसद में भी सुनाई दे रही है। कल लाठीचार्ज पर संसद में कई बार बवाल हुआ। उधर जेएनयू प्रशासन छात्रों की शिकायत को लेकर अब कोर्ट पहुंच गया है।
बैठक को लेकर मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। जेएनयू के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव जीसी होसर से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासन ने प्रशासनिक खंड में तोड़फोड़ के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि बृहस्पतिवार को रात 11 बजे शिकायत दर्ज करवाई गई।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुछ छात्रों ने सोमवार को एक एम्बुलेंस को कथित तौर पर रोका और डॉक्टरों को बीमार प्रोफेसर तक पंहुचने नही दिया।
दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को इस संबंध में आरोपपत्र दायर किया था। मामला 2016 में जेएनयू परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश-विरोधी नारे लगाने से जुड़ा है।
जेएनयू में देश विरोधी नारों से जुड़े मामलों में दायर चार्जशीट को लेकर दिल्ली सरकार अभी असमंजस में है। चार्जशीट के लिए दिल्ली सरकार ने अब तक अनुमति नहीं दी है।
संपादक की पसंद