शाही स्नान के लिए जाते साधु संतों पर उत्तराखंड सरकार की ओर से हैलीकॉप्टर से लगातार पुष्पवर्षा की जाती रही, जिससे वातावरण दिव्य बन गया।
Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले में आज दूसरा शाही स्नान है। इस खास मौके पर गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आए हुए हैं।
कुंभ मेला 2021: देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों भक्तों के हरिद्वार में हर की पैरी में पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने की उम्मीद है। कुंभ मेले में आज दूसरा शाही स्नान है जो 12 साल बाद यहां आयोजित किया जा रहा है। 2016 में हरिद्वार में अर्ध कुंभ मेला लगाया गया था।
तीर्थ में आज करिए हरिद्वार में चल रहे कुंभ और मां गंगा के पवित्र दर्शन। इन दिनों हरि की नगरी हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है। इस खास मौके पर दूर-दूर से भक्त मां गंगा में स्नान कर पुण्य कमाने पहुंच रहे हैं।
हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेला में कोरोना की लेकर छपी खबर सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है और इस खबर गलत बताया गया है। इस खबर में कुंभ मेला को सुपर स्प्रेडर इवेंट बताया गया था।
एसपी जीआरपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि कुंभ मेले में 12 से 14 अप्रैल के बीच शाही स्नान को देखते हुए हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर 11 से 14 अप्रैल तक ट्रेनें नहीं आएंगी। उन्होंने बताया कि ट्रेनें को ज्वालापुर, रुड़की और लक्सर रेलवे स्टेशनों पर रुकेंगी और यहीं पर श्रद्धालु उतरेंगे।
कुंभ नगरी हरिद्वार के सप्त सरोवर स्थित गीता कुटीर आश्रम में कोरोना वायरस संक्रमण के 32 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इस आश्रम में रह रहे कर्मचारियों और संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमित पाया गया।
हरिद्वार में 1 अप्रैल से आम लोगों के लिए कुंभ की औपचारिक शुरूआत होने जा रही है। इसके चलते उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश हरिद्वार में कुंभ के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।
महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ के पहले शाही स्नान में लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई। आईजी कुंभ मेला संजुय गुंज्याल ने बताया कि अबतक 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अब 'हर की पौड़ी' को खाली कराया जा रहा है क्योंकि अखाड़े शाही स्नान के लिए आने की तैयारी कर रहे हैं।इससे पहले बुधवार को सीएम पद संभालते हुए मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करने के निर्देश दिए।
महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ के पहले शाही स्नान में लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई।
हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होने वाले पहले शाही स्नान तथा उसके बाद होने वाले हर स्नान के बाद ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करानी होगी।
हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होने वाले पहले शाही स्नान तथा उसके बाद होने वाले हर स्नान के बाद ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करानी होगी।
उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को हरिद्वार जिले के अंतर्गत आने वाले सभी शहरी स्थानीय निकायों को "बूचड़खाना मुक्त" घोषित कर दिया, साथ ही बूचड़खानों को संचालित करने के लिए जारी की गई मंजूरी भी रद्द कर दिया है।
हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है। कुंभ मेला एक अप्रैल से 28 तक आयोजित किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार के मुताबिक कुंभ में कोरोना संक्रमण रोकथाम के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। कुंभ मेले की अधिसूचना जारी होने साथ ही एसओपी प्रभावी मानी जाएगी।
कुंभ में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हरिद्वार आगमन की तिथि से केवल 72 घंटे पूर्व तक की आरटीपीसीआर की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है।
कोविड-19 को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले की अवधि 4 महीने से घटाकर 1 महीने कर दिया है। अब कुंभ मेला की अवधि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगी और तीन शाही स्नान साधु संत करेंगे। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी।
माघ पूर्णिमा पर 27 फरवरी से कुंभ मेले की शुरुआत हो रही है। इस बार कुंभ महापर्व को लेकर 11 साल में खास संयोग बन रहा है। इस संयोग की वजह से इस बार का महाकुंभ ज्यादा चर्चा में है। जानें इसके बारे में...
इस बार महाकुंभ मेला हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है। यहां जानिए मुख्य स्नान की तिथियां। इन तिथियों पर स्नान से मिलेगा महा-पुण्य। साथ ही जानिए शाही अखाड़ों के स्नान की तिथियां।
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