आज राजस्थान के बीकानेर में स्थित प्राचीन नागणेचा मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में भी जानिए।
राजस्थान में स्थापित है पहली शताब्दी का एक पवित्र मंदिर मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर। राजस्थान में बांसवाड़ा से लगभग 16 किलोमीटर दूर तलवाड़ा गांव में ये मंदिर स्थापित है.। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति मां पार्वती मां लक्ष्मी औऱ मां सरस्वती तीनों देवियों का एकीकृत रूप हैं।
आज हम आपको कराने जा रहे हैं एक ऐसे गणेश मंदिर के दर्शन जिसके बारे में मान्यता है कि यहां गणेश जी की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित है। ये गणेश मंदिर है महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित है। विश्वप्रशिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास बने इस मंदिर में स्थापित गणपतिजी की प्रतिमा विश्वभर में स्थापित विशाल मूर्तियों में से एक मानी जाती है। खास बात ये है कि विघ्नहर्ता के ये मूर्ति सीमेंट की नहीं बल्कि ईंट, चूना, बालू गुड़ और मेथी दानों की बनी है।
ये मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित है। सन 1735 में इस मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। कहते हैं कि सबसे पहले एक ब्राह्मण को इस स्थान पर जमीन के नीचे गणपति भगवान की मूर्ति होने का स्वप्न आया था। जानिए पूरी कहानी।
भगवान गणेश को समर्पित बोहरा गणेश मंदिर राजस्थान के उदयपुर में स्थापित है।
आज के तीर्थ में गुजरात के पावागढ़ शक्तिपीठ के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश ने इसकी मान्यताओं के बारे में भी जानकारी दी है।
ये मंदिर महाराष्ट्र के रत्नागिरी में स्थित है जो 400 साल पुरातन बताया जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति स्वयंभू है।
कन्याकुमारी से 4 कोस पूर्व में शुचीन्द्रम नामक स्थान पर महावीर हनुमान की लगभग 13-14 हाथ ऊंची कनक भूघटाकार-सिंहासनासीन मूर्ति स्थापित है, जो संपूर्ण भारतवर्ष में अद्वितीय है। यहीं पास में ही गंधमाधन पर्वत है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक अक्षय वट वृक्ष स्थित है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान देकर पूरे संसार को जीवन जीने की कला सिखाई थी।
आज करिए मेहंदीपुर बालाजी के पवित्र दर्शन।
कोरोना काल में आज घर बैठे शिमला में स्थित जाखू हनुमान मंदिर के दर्शन करिए। साथ ही आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के बारे में भी जानिए।
कोरोना काल में मध्य प्रदेश में स्थित देवास माता टेकरी मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में भी जानिए।
कोरोना काल में घर बैठे वाराणसी में स्थित तुलसी मानस मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश ने इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में भी जानकारी दी है।
राजस्थान के जयपुर में स्थित मोती डूंगरी गणेश मंदिर काफी मशहूर है। हर गणेश चतुर्थी को यहां पर बहुत भीड़ रहती है। लोग दूर दूर से दर्शन करने आते हैं।
मां शांकभरी देवी मंदिर उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित है। इस मंदिर को देवी का शक्ति पीठ कहा जाता है। खास बात ये है कि इस स्थान पर देवी के चारों रूपों भ्रामरी देवी, भीमा देवी, शाकुंभरी देवी और शताक्षी देवी के साथ ही भगवान गणेश को भी विराजमान
इस मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर बेहतरीन शिल्पकला देखने को मिलती है। मुख्यरूप से भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का निर्णाण राजा नरसिम्हा प्रथम द्वारा करवाया गया था।
राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित है गणेश जी का चमत्कारी त्रिनेत्र गणेश मंदिर है। यहां स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा जिसके 2 नहीं अपितु 3 नेत्र हैं और इसी वजह से इसे त्रिनेत्र गणेश मंदिर कहा जाता है।
कोरोना काल में मध्य प्रदेश में स्थित उल्टे हनुमान मंदिर के दर्शन करिए। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए इस मंदिर की मान्यताओं के बारे में...
मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर नंदगांव में स्थित है नंद बाबा का मंदिर। मुख्य रूप से ये मंदिर भगवान कृष्ण और उनके पिता नंदराय जी को समर्पित है। बताया जाता है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी में भरतपुर के राजा रूपसिंह द्वारा बनवाया गया था।
ये मंदिर राजस्थान के बांसवाड़ा में तलवाड़ा नामक स्थान पर है। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने से कई तरह के रोगों से निजात मिलती है। यहां स्थापित गणेश जी की प्रतिमा लगभग 6 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी है।
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