दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि भारती एयरटेल के आईपीएल की ‘लाइव व नि:शुल्क पहुंच’ संबंधी विज्ञापन के अंत में डिस्क्लेमर बड़े शब्दों में होनी चाहिए। न्यायाधीश योगेश खन्ना ने रिलायंस जियो की याचिका पर सुनवाई करते यह टिप्पणी की।
टेलीकॉम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एयरटेल ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वस्त किया कि वह IPL कवरेज को लेकर अपने नए विज्ञापन कैंपेन में उचित बदलाव करेगी।
अगर कोई कंपनी, व्यक्ति या संस्था अपने प्रोडक्ट या सेवा के बारे में भ्रामक विज्ञापन जारी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई ASCI ही करती है
इन विज्ञापनों में मर्क, HUL, डाबर, फाक्सवैगन ग्रुप, जानसन एंड जानसन, अंबुजा सीमेंट, अपोलो हास्पिटल तथा जीसीपीएल के विज्ञापन शामिल हैं
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