शरद पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल भी बीजेपी ज्वॉइन कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।
बारामती से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के चुनाव लड़ने की संभावना पर शरद ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी कहीं से चुनाव लड़ सकता है। यह तो जनता तय करती है कि उसका जनप्रतिनिधि कौन होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजित पवार के 8 विधायकों को अयोग्य घोषित करने वाले मामले में फैसला सुना दिया है। इस बीच सुप्रिया सुले ने एनसीपी के नाम और प्रतीक चिह्न को छीनने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
'मराठा क्षत्रप' के नाम से मशहूर शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े ने तत्कालीन NCP से बगावत करने वाले अजित पवार एवं 8 अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित ठहराने के लिए एक याचिका दायर की थी।
एनसीपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा है कि प्रफ्फुल पटेल का नाम हमने राज्यसभा के लिए तय किया है। हमारे पास 10 लोगो ने इच्छा व्यक्त की थी। पार्टी ने सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है।
अनिल देशमुख ने दावा किया है कि बीजेपी ने सरकार में भी शामिल होने का ऑफर दिया था। मैने कहा था कि मैं जिंदगी भर जेल में रहना पसंद करुंगा लेकिन बीजेपी मे नहीं जाऊंगा। मैने समझौता नहीं किया इसिलिए मुझे जेल जाना पडा था।
शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अजित पवार गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है।
एनसीपी शरदचंद्र पवार के नेता शरद पवार ने कहा कि चुनाव आयोग ने न केवल हमारा चुनाव चिन्ह छीन लिया बल्कि हमारी पार्टी दूसरों को सौंप दी। उन्होंने ये भी कहा कि उन हाथों से पार्टी छीनी गई, जिन्होंने इसे स्थापित किया।
कांग्रेस का दामन छोड़कर बाबा सिद्दीकी अजित पवार की एनसीपी में शामिल हो गए हैं। इस बाबत उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मेरे साथ बहुत कुछ हो रहा था। पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा था। इसलिए यह रिश्ता और आगे ले जाना बेहद मुश्किल था।
लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस को एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं। बीते दिनों बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब वो 30 नेता और कार्यकर्ताओं के साथ अजीत पवार की एनसीपी में शामिल हो गए।
महाराष्ट्र में एनसीपी के नेता छगन भुजबल के कार्यालय पर किसी अनजान शख्स ने लेटर भेजा है। लेटर में छगन भुजबल को जान से मारने की धमकी दी गई है। वहीं लेटर जारी होने पर पुलिस ने भी मामले का संज्ञान लिया है।
बाबा सिद्दीकी के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कहा जा रहा है कि वह अजित पवार के साथ जा सकते हैं। पिछले दिनों बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान ने अजित पवार से मुलाकात भी की थी।
अजित पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया और निर्वाचन आयोग द्वारा उसे मूल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) घोषित करने के आदेश को शरद पवार गुट की ओर से चुनौती दिये जाने की स्थिति में उसका पक्ष भी सुने जाने का अनुरोध किया।
अजित पवार गुट को असली NCP करार देने के चुनाव आयोग के फैसले को अनिल देशमुख ने लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि जिसने मकान बनाया, जिसने मकान का विस्तार किया, उसी की पार्टी उससे छीनी जा रही है।
अजीत पवार गुट के संबंध में निर्वाचन आयोग के फैसले के संबंध में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी राय देते हुए कहा कि यह अपेक्षित निर्णय था। पिछले 10-15 सालों में इस प्रकार के मामलों में इलेक्शन कमीशन ने लगातार जिस प्रकार से निर्णय अलग-अलग समय पर दिए हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले शरद पवार को बड़ा झटका मिला है। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है। चुनाव आयोग ने आदेश देते हुए साफ माना है कि अजित पवार ही असली एनसीपी है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने पिछले नवंबर में राज्य मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपनी ही सरकार पर पिछले दरवाजे से मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा में आरक्षण देने का आरोप लगाया है।
शरद पवार के पोते रोहित पवार से गुरुवार को ईडी ने 8 घंटे तक पूछताछ की। रोहित पवार दस दिन में दूसरी बार ईडी के सामने पेश हुए। पूछताछ के बाद ईडी दफ्तर से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा, मैं सारे दस्तावेज लेकर ईडी दफ्तर गया था। सभी सवालों का जवाब दिया।
मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब सरकार में ही दो फाड़ होते नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार ने किसी तरह से इस आंदोलन को समाप्त कराया तो वहीं अब छगन भुजबल ने खुल कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
ईडी ने 5 जनवरी को बारामती, पुणे, औरंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो और कुछ संबंधित संस्थाओं के परिसरों पर छापेमारी की थी।
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