उनके इस बयान के बाद विवाद पैदा हो गया है और अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ नेताओं ने उनके इरादों पर सवाल उठाए हैं। इस बात में कोई शक नहीं कि हमारे देश की अधिकांश समस्याओं के मूल में जनसंख्या है।
दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश चीन में जनसंख्या नियंत्रण के संकेत मिलने लगे हैं।
यह सब योजनाएं धरी की धरी रह जाएंगी, क्योंकि देश में वर्ष 2050 तक 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या तीन गुना तक बढ़ जाएगी और हमारे देश की गिनती बुजुर्ग देशों में की जाने लगेगी।
बीजेपी विधायक ने कहा कि हिन्दू समाज को इसकी चिंता करनी चाहिए और भारत भूमि धरती की रक्षा करने के लिए जनसंख्या बढ़ानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहां अपने सरकारी आवास पर विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 'जागरूकता रैली' को हरी झंडी दिखाई और इस अवसर पर उन्होंने कहा, "जनसंख्या वृद्घि जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जनसामान्य को जागरूक किया जाना आवश्यक है। "
यूनाइटेड नेशनल पॉपुलेशन फंड के डॉक्टर नटालिया के मुताबिक सिर्फ फैमिली प्लानिंग करने से बर्थ कंट्रोल या पॉपुलेशन को रोका नहीं जा सकता बल्कि गांवों की औरतों को शिक्षित, आजाद ख्यालात, गरीबी मुक्त कराना होगा तभी इस प्रॉब्लम से निजात पा सकते हैं।
बिहार के सीमांचल क्षेत्रों और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के काराण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है।
भारत की आबादी पहले के अनुमान से दो साल बाद यानी 2024 के आसपास चीन की आबादी को पार कर सकती है। इसके 2030 तक 1.5 अरब होने की संभावना है।
दक्षिण एशिया में सर्वाधिक जन्मदर वाले देश पाकिस्तान में करीब 100 बच्चों के पिता 3 पुरूष उन लोगों में शामिल है जिनके कारण देश की जनसंख्या अत्यधिक तेजी से बढ़ रही है।
चालू वित्त वर्ष के प्रारंभ तक मध्य प्रदेश सरकार पर कुल 1.11 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। इस हिसाब से प्रदेश के हर नागरिक पर लगभग 13,800 रुपए का लोन है।
बड़ी आबादी और इस सहायक जनसंख्या के साथ सरकार के सुधारात्मक कदमों की मदद से भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।
भारत के दिल्ली में करीब एक तिहाई लोग अवैध कॉलोनियों में रहते हैं, यह ऐसी जगह है जहां प्रॉपर्टी मालिकों के पास संपत्ति का कोई कानूनी दस्तावेज नहीं होता।
भारत के शहरों में 2050 तक और 30 करोड़ आबादी जुड़ने का अनुमान है और इसके लिए देश में जलवायु अनुकूल शहरों के विकास की आवश्यकता होगी।
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