राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पूरे हो चुके हैं। राज्या में दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को चुनाव होंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 सीटों- गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में मतदान होगा।
Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने एक बार फिर जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा पर दांव खेला है। करण सिंह सचिन पायलट खेमे के नेता हैं और पिछले कई साल से पार्टी में सक्रिय हैं।
हनुमान बेनीवाल आरएलपी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में राजस्थान की नागौर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। आरएलपी ने आज बेनीवाल को नागौर से इस गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया।
प्रह्लाद गुंजल की गिनती राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सबसे खास लोगों में होती है। कोटा के करीब 1.5 लाख गुर्जर वोटों पर गुंजल की काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है।
वैभव गहलोत अपने पिता के साथ तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के साथ ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पहुंचे थे। अब लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब वैभव गहलोत को पार्टी ने जालोर-सिरोही से प्रत्याशी बनाया है तो वह दक्षिण भारत में क्या कर रहे हैं।
Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट भाजपा के लिए बेहद अहम है। साल 2009 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। इस सीट के तहत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। भाजपा ने इस सीट पर अर्जुन राम मेघवाल पर फिर भरोसा दिखाया है। वहीं कांग्रेस ने गोविंद राम मेघवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। ऐसे में सभी पार्टियों ने आगामी चुनाव के लिए कमर कस ली है। यहां जानें राजस्थान में कब होंगे लोकसभा चुनाव...
राजस्थान की अफसरशाही में फेरबदल किया गया है। भजनलाल सरकार ने कई जिलों के एसपी सहित 7 आईपीएस अफसरों का तबादला किया है।
राजस्थान के चूरू से सांसद राहुल कस्वां ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। वह आज कांग्रेस में शामिल हो गए। वह बीजेपी द्वारा उनका टिकट काटे जाने से नाराज चल रहे हैं। बता दें कि बीजेपी ने कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं, लेकिन राहुल ने इस बात पर अपनी असहमति जताई थी।
राजस्थान के कई कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद अशोक गहलोत बोले कि कई लोग कह रहे हैं कि उनके ऊपर केन्द्रीय एजेसिंयों का दबाव है इसलिए भाजपा में जा रहे हैं। ये वक्त किसी दबाव के आगे झुकने का नहीं है बल्कि लोकतंत्र को बचाने और देश के भविष्य के लिए संघर्ष करने का है।
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