यूक्रेनी सांसद ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान 'यह युद्ध का युग नहीं है' इसके लिए उनके आभारी हैं। आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य रूप से भारत की ताकत और क्षमताओं को देखते हुए हमें पूरा यकीन है कि रूस को यह संदेश सुनना होगा।
यूक्रेन युद्ध के 1 वर्ष पूरे होने से पहले ही दुनिया में पैदा हुई नई हलचलों ने सबके होश उड़ा दिए हैं। आगामी 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। हमले की बरसी से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव की औचक यात्रा करके रूस का कड़ा संदेश देने का प्रयास किया।
राष्ट्र के नाम दिए गए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के संबोधन में यूक्रेन युद्ध के लिए सीधे अमेरिका और पश्चिम देशों को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद चीन का भी वक्तव्य सामने आया है। चीन के विदेश मंत्री चिन गांग ने मंगलवार को कहा कि उनका देश रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने में भूमिका निभाना चाहता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस-यूक्रेन युद्ध की बरसी से पहले कीव की यात्रा करके पश्चिमी देशों के अंदर एकजुटता का जोश भर दिया है। यही वजह है कि अब इटली भी यूक्रेन के समर्थन में आ गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के बाद अब इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी भी यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा करने वाली हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को यूक्रेन की औचक यात्रा की भनक किसी को नहीं लगने दी थी। हालांकि उन्होंने इसके लिए गुप्त प्लानिंग की थी। अमेरिका से यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचने के लिए जो बाइडन ने करीब 23 घंटे का सफर किया। इस दौरान उन्होंने 10 घंटे तक ट्रेन से यात्रा की।मगर इसकी जानकारी किसी को नहीं होने दी।
रूस और यूक्रेन युद्ध के 24 फरवरी को 1 वर्ष हो जाएंगे। मगर अभी तक यह किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। इधर युद्ध लंबा खिंचने के लिए रूस ने पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया है। रूस का कहना है कि अमेरिका और पश्चिमी देश नहीं चाहते कि यूक्रेन युद्ध खत्म हो।
पश्चिमी देशों की लामबंदी देखने के बाद रूस ने कहा है कि पश्चिमी देश मिलकर उसे नष्ट करना चाहते हैं। इसीलिए वह यूक्रेन को लगातार हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं। मगर रूस हर हाल में अपनी रक्षा करेगा। वह अपनी पहचान और भविष्य की रक्षा करने में सक्षम है।
पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को टैंक समेत अन्य घातक हथियार दिए जाने से रूसी राष्ट्रपति पुतिन तमतमा उठे हैं। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और जर्मनी रूस के प्रमुख निशाने पर आ गए हैं। ऐसे में रूस अपना आपा खो सकता है, जिसका परिणाम परमाणु युद्ध में तब्दील हो जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
रूस-यूक्रेन युद्ध को 1 वर्ष पूरे होने में सिर्फ 5 दिनों का वक्त शेष रह गया है। इस बीच पुतिन के सहयोगी व्लादिमिर सोलोविओव ने जेलेंस्की को ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन को सबसे डरावनी धमकी दे डाली है। सोलोविओव ने कहा है कि यदि क्रीमिया पर यूक्रेन ने यूके की मिसाइल का इस्तेमाल किया तो ब्रिटेन को धूल में मिला दिया जाएगा।
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री मोदी की एक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि यह युग युद्ध का युग नहीं है। उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और पुतिन के बीच बैठक हुई थी।
रूस ने यूक्रेन पर मिसाइलों और ड्रोन हमलों को फिर से तेज कर दिया है। रूसी सेना ने शुक्रवार तड़के पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में ताबड़तोड़ तरीके से मिसाइल और ड्रोन हमले किए। यूक्रेनी सेना ने कहा कि रूस की सेना ने यूक्रेन के औद्योगिक पूर्व, विशेष रूप से लुहांस्क और दोनेत्स्क प्रांतों में भीषण बमबारी की।
रूस-यूक्रेन युद्ध के एक वर्ष पूरे होने को हैं। यूक्रेनी सेना डट कर रूस का मुकाबला कर रही है। युद्ध के मैदान में जाने के बाद दोबारा घर जीवित लौटने वाला हर फौजी बेहद सौभाग्यशाली ही कहा जाएगा, क्योंकि जिस युद्ध के मैदान में हर पल मौत बरसती हो, वहां से जिंदगी लेकर वापस आना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को करीब 1 वर्ष होने को हैं। इस दौरान दोनों देशों में भीषण जंग जारी है। दोनेत्स्क और बखमुत जैसे शहरों में करो या मरो की जंग चल रही है। इस बीच खबर है कि रूसी सेना ने बखमुत को तीन ओर से घेर लिया है। इससे यूक्रेनी सैनिकों का हौसला टूट रहा है।
यूक्रेन पर लगातार हमला जारी रखने के चलते यूरोपीय देशों ने अब रूस पर नया प्रतिबंध लगा दिया है। इससे रूस के साथ ही साथ अन्य देशों की भी मुश्किलें बढ़नी तय हैं। यूरोपीय देशों ने रूस से डीजल एवं अन्य शोधित तेल उत्पादों पर रविवार को प्रतिबंध लगाने के साथ ही यूक्रेन पर हमला करने के लिए उसकी आर्थिक रूप से घेराबंदी तेज कर दी।
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब 11 महीने बाद दोनों देशों के बीच कुछ ऐसी सकारात्मक पहल हुई है, जिसके बारे में जानकर हर किसी को सुकून और इंसानियत का एहसास होगा। आपसी समझौते के बाद रूस ने यूक्रेन के 116 बंदियों को रिहा कर दिया है। इसके बाद वह यूक्रेन के लिए रवाना हो गए हैं।
अमेरिका ने यूक्रेन को नए हथियारों और युद्ध सामग्री के लिए 2.2 अरब डॉलर देने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है। वहीं AFP न्यूज एजेंसी ने फ्रांसीसी मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट दी कि 'फ्रांस, इटली यूक्रेन को मिसाइल सिस्टम भेजेंगे।'
यूक्रेन द्वारा नाटो के सदस्य देशों को दी गई विशलिस्ट में 500 टैंक, 200 युद्धक विमान, 1,000 तोपें, 1,000 ड्रोन और 300 मिसाइल लांचर की मांग की गई है। यूक्रेन का कहना है कि रूसी सैन्य आक्रमण का सामना करने के लिए उन्हें तत्काल इन हथियारों की आवश्यकता है।
अमेरिका यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग में मजबूती से लड़ने के लिए कम दूरी की खतरनाक मिसाइल देने का ऐलान कर दिया है। इससे रूस के राष्ट्रपति पुतिन अमेरिका पर आग बबूला हो गए हैं। अमेरिका के बोइंग द्वारा डिजाइन किए गए रॉकेट में फोल्ड-आउट विंग्स हैं और यह 3 फीट चौड़ाई तक के लक्ष्य को भेद सकता है।
रूस ने यूक्रेन में कितनी बड़ी तबाही मचाई है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) वहां दौरे पर गई तो भीषण युद्ध का मंजर देख उसकी रूह कांप उठी। यूएनएचसीआर की टीम 6 दिनों के दौरे पर यूक्रेन में तबाही का आकलन करने गई थी।
अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन के बाद अब पोलैंड और बेल्जियम भी सीधे यूक्रेन युद्ध में कूद गए हैं। इससे जंग लगातार भीषण से भीषणतम की ओर बढ़ती जा रही है। जबकि इस महीने रूस लगभग यूक्रेन पर हावी हो चुका था। रूसी आक्रमण के आगे यूक्रेनी सेनाएं पस्त हो रही थीं।
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