नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर अब राजद के साथ सरकार बना चुके हैं। वहीं दूसरी ओर अब उन्होंने बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने का प्रयास भी शुरू कर दिया। इसके लिए वह तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अखिलेश और शिवपाल सिंह यादव फिर एकसाथ आएंगे?
Mulayam Singh Yadav:मुलायम सिंह यादव भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी राजनीति में कई ऐसे उतार चढ़ाव आए, जिसने उनकी पूरी छवि ही बदल डाली। वर्ष 1989 में वह पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। तब तक समाजवादी पार्टी का गठन नहीं हुआ था।
UP Politics: प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को अपनी कुर्सी को लेकर लिखी गई चिट्ठी पर जवाब दिया है।
UP Politics: अखिलेश यादव की इस पेशकश पर बाराबंकी में जवाब देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कटाक्ष किया कि जिस तरह पानी से निकलने के बाद मछली तड़पती है, उसी तरह अखिलेश यादव सत्ता के बिना तड़प रहे हैं।
राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई सियासी उठापटक का असर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भविष्य की राजनीति पर भी पड़ने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर पढ़ लेंगे तो वह सदन में यह भी नहीं कहेंगे कि शेर भूखा है, वह दूसरे का खाना खाता है..... शेर कितना भी भूखा हो, वह शेर ही रहेगा।’’
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लगभग छह माह बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितंबर को दो दिनी दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जा रहे हैं।
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