भारत खाद्य तेलों की अपनी 50 प्रतिशत से अधिक घरेलू जरूरत को आयात से पूरा करता है। भारत द्वारा इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात किया जाता है।
संगठन के मुताबिक खाद्य तेलों पर कम आयात शुल्क से किसानों की तिलहन खेती में रूचि घटी
नियम तोड़कर नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते निर्यात करने पर कार्रवाई
सॉफ्ट तेलों में, दिसंबर 2019 के दौरान सूरजमुखी तेल का आयात घटकर 1,97,842 टन रह गया, जो साल भर पहले 2,35,824 टन था।
भारतीय खाद्य तेल उद्योग ने सोमवार को एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा अप्रमाणित घोषणाओं से भारत सरकार नाराज है और वह इसका जवाबी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
देश में वनस्पति तेल आयात 46 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है। तेल तिलहन उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी SEA की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबकि अगस्त में 15.86 लाख टन वनस्पति तेल का आयात हुआ, जो अक्तूबर 2015 के बाद सबसे अधिक मासिक आयात है।
तिलहन किसानों को उनकी फसल का जायज भाव दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने वनस्पति तेलों के आयात पर जो लगाम लगाई है उसका असर दिखने लगा है, जून के दौरान देश में खाद्य तेल आयात 25 महीने के निचले स्तर पर दर्ज किया गया है। तेल-तिलहन उद्योग के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टक्स एसोसिएशन (SEA) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ो से यह जानकारी निकलकर आई है।
केंद्र सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वनस्पति तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट खत्म कर दी है जिससे खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। स्टॉक लिमिट खत्म होने के बाद अब व्यापारी अपनी मर्जी के मुताबिक तेल और तिलहन का स्टॉक रख सकेंगे और ज्यादा स्टॉक रखने पर उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी
केंद्र सरकार ने देश में वनस्पति तेल आयात को काबू करने के लिए जो उपाय किए थे वह सभी असफल होते नजर आ रहे हैं। तमाम उपायों के बावजूद वनस्पति तेल आयात घटने के बजाय बढ़ रहा है। अप्रैल के दौरान देश में वनस्पति तेल आयात 7 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए वनस्पति तेल आयात कम करने के लिए तेल और तिलहन पर भारी आयात शुल्क लगाया था।
आयात शुल्क से सरकार को जो कमाई होगी उसके कुछ हिस्से का इस्तेमाल तिलहन विकास फंड के तौर पर इस्तेमाल करने की मांग
वनस्पति तेल पर आयात शुल्क बढ़ने के बावजूद नवंबर में 7 प्रतिशत ज्यादा वनस्पति तेल का आयात हुआ है
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट लगाने के अधिकार से सितंबर 2018 तक अधिकृत कर दिया है
सरकार ने आज यह स्पष्ट किया कि धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित अन्न क्षेत्र में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
बढ़ती घरेलू मांग के कारण अक्टूबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में भारत का वनस्पति तेल का आयात रिकॉर्ड 1.5 करोड़ टन के स्तर को छू जाने की संभावना है।
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