Friday, March 29, 2024
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बंगाल में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के रेकॉर्ड 11,948 नए मामले, 56 मरीजों की मौत

पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक एक ही दिन में सर्वाधिक 11,948 नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 7,00,904 तक पहुंच गई। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 22, 2021 22:19 IST
West Bengal reports highest single-day spike of 11948 COVID-19 cases- India TV Hindi
Image Source : PTI पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के अब तक एक ही दिन में सर्वाधिक 11,948 नए मामले सामने आए हैं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक एक ही दिन में सर्वाधिक 11,948 नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 7,00,904 तक पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, राज्य में इसी अवधि में कोविड-19 के 56 मरीजों की मौत के साथ ही मृतक संख्या बढ़कर 10,766 हो गई। पिछले 24 घंटे में बंगाल में 6,590 मरीज संक्रमणमुक्त भी हुए हैं जबकि राज्य में फिलहाल 68,798 मरीज उपचाराधीन हैं। पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटे में 53,154 नमूनों की जांच की गई। अब तक राज्य में 1,00,03,490 नमूनों की जांच हो चुकी है।

इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की नयी 'उदार और त्वरित कोविड-19 टीकाकरण' रणनीति को बाजार के पक्ष में तथा आम लोगों के हितों के खिलाफ करार देते हुए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि सभी लोगों के लिए टीके मुफ्त हों। केंद्र की टीकाकरण नीति को लेकर एक हफ्ते के अंदर प्रधानमंत्री को लिखे अपने दूसरे पत्र में ममता ने कहा कि निर्माताओं को संकट की इस घड़ी में टीकों का कारोबार नहीं करना चाहिए। 

केंद्र सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि एक मई से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोग कोविड टीका लगवाने के लिए पात्र होंगे। ममता ने पत्र में लिखा, "मैं हाल ही में सरकार द्वारा घोषित उदारीकृत और त्वरित कोविड-19 टीकाकरण पर नीति के संबंध में आपका व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करना चाहती हूं। मुझे आशंका है कि यह काफी भेदभावपूर्ण और जनविरोधी है।’’ 

ममता ने कहा, ‘‘इसके साथ ही ऐसा प्रतीत होता है कि आम लोगों के हितों के खिलाफ बाजार के पक्ष में झुकाव है।" उन्होंने कहा कि हर भारतीय को यह टीका मुफ्त मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘टीका निर्माताओं द्वारा व्यवसाय करने के लिए कोई अवसर नहीं है और इसके बजाय लोगों की भलाई के लिए भेदभाव के बिना प्रयास किए जाने चाहिए। इसके अलावा निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक की दर तय करना न केवल भेदभावकारी बल्कि अस्वास्थ्यकर भी है क्योंकि इससे बाजार में बेईमान तंत्र प्रभावी हो सकता है।’’

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