Monday, May 06, 2024
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स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई में वैश्विक नेतृत्व के शीर्ष पर रहे भारत: गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत से स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई में महत्वाकांक्षी वैश्विक नेतृत्व के “शीर्ष” पर रहने का शुक्रवार को आह्वान किया। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: August 28, 2020 15:07 IST
 स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई में वैश्विक नेतृत्व के शीर्ष पर रहे भारत: गुतारेस- India TV Hindi
Image Source : FILE  स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई में वैश्विक नेतृत्व के शीर्ष पर रहे भारत: गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत से स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई में महत्वाकांक्षी वैश्विक नेतृत्व के “शीर्ष” पर रहने का शुक्रवार को आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत अगर जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को तेजी से घटाकर इसे नवीकरणीय ऊर्जा पर ले आए तो वह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग में “असल वैश्विक महाशक्ति” बन सकता है। 

महासचिव ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी और जलवायु परिवर्तन दोनों ने इस बारे में बुनियादी सवाल उठाए हैं कि दुनियाभर के लोगों के लिए आरोग्य एवं कुशलता कैसे सुनिश्चित की जाए तथा साझा बेहतरी को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रों को किस प्रकार सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा लोग खास तौर पर स्थिरता, समानता एवं सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदमों की आस लगाए हुए हैं। 

गुतारेस ने ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट’ (टेरी) द्वारा शुक्रवार को ऑनलाइन आयोजित 19वें ‘दरबारी सेठ स्मृति व्याख्यान’ में कहा, “आज स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई पर निर्भीक नेतृत्व की जरूरत है। मैं भारत का आह्वान करता हूं कि वह महत्वाकांक्षी नेतृत्व के शीर्ष पर रहे।” विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और अध्यक्ष के तौर पर भाषण दिया। गुतारेस ने कहा, “इस महत्वपूर्ण क्षण में, जब संयुक्त राष्ट्र अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, भारत की भूमिका अहम है।’’ 

‘द राइज ऑफ रिनूअबल्स : शाइनिंग ए लाइट ऑन सस्टेनेबल फ्यूचर’ शीर्षक से अपनी टिप्पणी में गुतारेस ने कहा, “भारत अगर जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर नवीकरणीय ऊर्जा पर तेजी से आ जाए तो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग में वह वास्तिव वैश्विक महाशक्ति बन सकता है।” संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि वह इस बात को जानकर उत्साहित हैं कि वैश्विक महामारी के दौरान, भारत का नवीकरणीय ऊर्जा का अनुपात 17 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गया जबकि कोयला पर बिजली निर्भरता 76 प्रतिशत से घटकर 66 प्रतिशत हो गई। 

उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छी चीज है जिसे जारी रखने की जरूरत है। नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाने की जरूरत है, और कोयला को पूरी तरह हटाना होगा। 21वीं सदी के लिए चुस्त, दुरुस्त, स्वच्छ अर्थव्यवस्थाओं का हमारा यही लक्ष्य होना चाहिए कि ज्यादा नौकिरयों के सृजन के साथ ही अधिक न्याय एवं समृद्धि भी हो।”

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