Wednesday, May 01, 2024
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गाजा के शिफा अस्पताल में प्री-मेच्योर पैदा हुए 30 बच्चों को निकाला गया, अब यह मुस्लिम देश करेगा इलाज

गाजा के अस्पताल में फंसे 30 प्री-मेच्योर बच्चों को बाहर निकाल लिया गया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब इन बच्चों को मिस्र के अस्पताल में शिफ्ट कराने की बात कही है। शिफा अस्पताल के चारों ओर अब इजरायली सैनिकों का घेरा है। यहां गिनती के मरीज बचे हैं। ज्यादातर मरीज युद्ध के हालात को देखते हुए स्वयं ही यहां से चले गए।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: November 19, 2023 17:36 IST
गाजा का शिफा अस्पताल। - India TV Hindi
Image Source : AP गाजा का शिफा अस्पताल।

इजरायली सेना की ओर से गाजा के अस्पताल पर कब्जा कर लिए जाने के बाद वहां फंसे मरीजों को शिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल में पैदा हुए प्री-मेच्योर बच्चों को फिलिस्तीन से बाहर किसी दूसरे देश में इलाज का प्रबंध कर लिया है। गाजा के शिफा अस्पताल पर इजरायली सेना ने कब्जे के बाद मरीजों को दवा, इलाज के उपकरण मुहैया कराने का दावा किया था। मगर युद्ध के बीच अस्पताल के ज्यादातर स्टाफ भाग गए। कुछ गिनती के डॉक्टर और कर्मचारी ही अस्पताल में बचे रह गए। ऐसे में अस्पताल में मौजूद मरीजों की जिंदगी पर खतरा मंडराने लगा। संयुक्त राष्ट्र ने अस्पताल में फंसे 32 बच्चों की जिंदगी पर खतरा जाहिर किया था। इस बीच गाजा ने उन्हें सुरक्षित निकालने का दावा किया है। 
 गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अनुमानित समय पूर्व जन्मे 30 बच्चों को शिफा अस्पताल से निकाला गया है और उन्हें मिस्र के अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा। मंत्रालय के प्रवक्ता मदहत अब्बास ने कहा कि उन्हें रविवार को अस्पताल से निकाला गया। अब उन्हें मिस्र के अस्पताल में शिफ्ट कराया जा रहा है। शनिवार को शिफा अस्पताल का दौरा करने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने कहा कि अस्पताल में फंसे गंभीर रूप से बीमार मरीजों में 32 बच्चे भी शामिल हैं। इस अस्पताल के बाहर पिछले हफ्ते से इजराइल के सैनिक तैनात हैं। अब पूरा शिफा अस्पताल इजरायली सैनिकों के कब्जे में है। 
 

इजरायल ने कहा-मरीजों ने किया स्वैच्छिक प्रस्थान

इजराइल का मानना है कि शनिवार को मरीजों ने अस्पताल से स्वैच्छिक रूप से सामूहिक प्रस्थान किया था। हालांकि, वहां से निकलने वाले लोगों ने इसे जबरन पलायन बताया। महमूद अबू औफ ने अस्पताल से निकलने के बाद एपी को बताया, ‘‘हम बंदूक के बल पर वहां से निकले। टैंक और स्नाइपर अंदर और बाहर हर जगह थे। इजराइली सेना ने तीन लोगों को अपनी हिरासत में लिया।’’ उत्तरी गाजा के अलावा शहरी जबालिया शरणार्थी शिविर में दर्जनों लोग मारे गए। प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि इजराइल के हमले में लोगों की मौत हुई है। जीवित बचे घायल अहमद राडवान और यासीन शरीफ ने कहा, इसने शिविर के फखौरा स्कूल में बड़े पैमाने पर हमला किया। राडवान ने एपी को बताया कि वहां के “दृश्य भयावह थे। महिलाओं और बच्चों की लाशें जमीन पर थीं। अन्य लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। (एपी)

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